टेस्ट में भारत के सबसे तेज फिफ्टी जड़ने वाले बल्लेबाज, ऋषभ पंत टॉप पर
01:50 PM Jan 06, 2025 IST | Ashutosh Ojha
टेस्ट क्रिकेट को अक्सर धीमी और लंबी पारियों का खेल माना जाता है, लेकिन जब बात भारतीय बल्लेबाजों की आती है, तो वो इस फॉर्मेट में भी अपने आक्रामक अंदाज से चौके-छक्कों की बारिश कर देते हैं। कुछ ऐसे भी मौके आए हैं जब टीम को मुश्किल हालात से निकालने के लिए या रन रेट बढ़ाने के लिए बल्लेबाजों ने तेजी से रन बनाए। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज फिफ्टी बनाने का रिकॉर्ड किसके नाम है? आइए जानते हैं...
भारतीय क्रिकेट इतिहास में सबसे तेज फिफ्टी का रिकॉर्ड ऋषभ पंत के नाम है। उन्होंने मार्च 2022 में श्रीलंका के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में मात्र 28 गेंदों में 50 रन बनाए। पंत अपनी ताबड़तोड़ बल्लेबाजी के लिए जाने जाते हैं। इस पारी में उन्होंने सिर्फ 31 गेंदों में 50 रन बनाए और भारत को 303/9 के स्कोर तक पहुंचाया। इस पारी ने भारत को 238 रनों से मैच जिताने में बड़ी भूमिका निभाई।
ऋषभ पंत ने एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया जब उन्होंने 2024-25 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के दौरान सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 29 गेंदों में फिफ्टी बनाई। यह पारी भी उनकी तेज बल्लेबाजी का शानदार उदाहरण है।
भारतीय दिग्गज कपिल देव इस लिस्ट में दूसरे स्थान पर हैं। उन्होंने 1982 में पाकिस्तान के खिलाफ कराची टेस्ट में मात्र 30 गेंदों में 50 रन बनाए। निचले क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने 53 गेंदों में 73 रन बनाए। हालांकि भारत यह मैच हार गया, लेकिन कपिल देव की पारी ने दर्शाया कि वह दबाव में भी तेज रन बना सकते हैं।
यशस्वी जायसवाल ने 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ 31 गेंदों में फिफ्टी बनाई थी। उन्होंने 72 रन की पारी खेली जिसमें 12 चौके और 2 छक्के शामिल थे। उनकी इस तेज पारी ने टीम को जल्दी-जल्दी बड़े स्कोर तक पहुंचने में मदद की।
2021 में इंग्लैंड के खिलाफ ओवल टेस्ट में शार्दुल ठाकुर ने 31 गेंदों में फिफ्टी बनाकर सबको चौंका दिया। उन्होंने पहली पारी में 36 गेंदों में 57 रन बनाए और दूसरी पारी में भी तेज अर्धशतक लगाया। उनकी इस पारी ने भारत को 157 रनों की शानदार जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
क्रिकेट के सबसे आक्रामक ओपनर्स में से एक वीरेंद्र सहवाग ने 2008 में चेन्नई टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ 32 गेंदों में फिफ्टी बनाई। उन्होंने 68 गेंदों में 83 रन की पारी खेली, जिसने भारत को 387 रनों का मुश्किल लक्ष्य हासिल करने में मदद की। यह भारत की सबसे ऐतिहासिक टेस्ट जीतों में से एक थी।
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