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Varun Gandhi: बीजेपी, कांग्रेस के बाद अब समाजवादी पार्टी में विकल्प तलाश रहे हैं वरुण गांधी, जानें...

10:46 AM Jan 20, 2023 IST | Rakesh Choudhary
Varun Gandhi
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लखनऊ से अशोक तिवारी की रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश के जनपद पीलीभीत से बीजेपी के सांसद वरुण गांधी इन दिनों खूब सुर्ख़ियो में हैं। हाल में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तारीफ करने और उस बीच राहुल गांधी का वरुण गांधी को लेकर जो बयान आया उसके बाद वरुण गांधी नए सियासी विकल्प तलाश रहे हैं। दरअसल वरुण ने अखिलेश यादव की प्रशंसा ठीक उस वक्त की है जब खुद राहुल गांधी ने वरुण की विचारधारा को लेकर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। ऐसे में अब वरुण लोकसभा चुनाव से पहले नया सियासी ठिकाना खोजने में जुटे हैं।

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सीएम चेहरे के तौर पर किया प्रोजेक्ट

वरुण गांधी का राजनीतिक सफर साल 2009 में जनपद पीलीभीत से बतौर भाजपा सांसद की थी। बाद में वरुण को भाजपा का राष्ट्रीय महासचिव तक बनाया गया। लेकिन उसके बाद वरुण गांधी का सियासी कद लगातार नीचे ही गया। पश्चिम बंगाल में प्रधानमंत्री मोदी की रैली को लेकर वरुण गांधी के बयान के बाद पहले उन्हें पार्टी महासचिव पद से बाद में पश्चिम बंगाल प्रभारी के पद से हटा दिया गया। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा उस वक्त हुई जब साल 2016 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। उस वक्त वरुण गांधी में वहां अपने खूब पोस्टर लगवा दिए उनके समर्थकों ने उन्हें सीएम के चेहरे के तौर पर प्रस्तुत किया।

कट्टर हिंदुवादी नेता की छवि

वरुण गांधी की धीरे-धीरे पार्टी की बैठकों से दूरी बढ़ती गयी।अब वरुण गांधी समाजवादी पार्टी के सम्पर्क में बताए जा रहे हैं। भाजपा से दूरी और राहुल गांधी की दो टूक के बाद अखिलेश यादव की तारीफ के निहितार्थ निकाले जा रहे हैं। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि वरुण गांधी की छवि कट्टर हिंदूवादी नेता की है। ऐसे में सियासी तौर पर क्या अखिलेश यादव सीधे तौर पर उन्हें पार्टी में ले सकते हैं या कोई दूसरा विकल्प बतौर सहयोगी दलों के साथ का हिस्सा बनाया जा सकता है। फिलहाल बीजेपी से दूरी के बाद अब सपा में संभावनाएं तलाशने की कोशिश में जुटे हैं वरुण गांधी।

2016 के बाद बगावती हो गए वरुण गांधी

भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक 2016 में लखनऊ में हुई। इस बैठक से पहले उन्होंने अपने नाम के पोस्टर लगवा दिए और उनके समर्थकों ने उनको सीएम चेहरे के तौर पर प्रोजक्ट करना शुरू कर दिया। उसके बाद उन्हें महासचिव के पद से हटा दिया गया। इससे पहले उनकी मां मेनका गांधी भी मोदी सरकार में महिला और बाल कल्याण विकास मंत्री थी। वरुण के विवादों का असर उनकी मां के राजनीतिक करियर पर भी पड़ा। 2019 लोकसभा चुनाव से पहले उनकी मंत्रिमंडल से छुट्टी कर दी गई। और मां-बेटे की सीट भी बदल दी गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में मेनका अपनी परंपरागत सीट छोड़कर सुल्तानगंज से चुनाव लड़ी। वहीं वरुण गांधी को पीलीभीत से चुनाव लड़वाया गया। उसके बाद से वरुण लगातार मोदी सरकार पर बेराजगारी और मंहगाई को लेकर सवाल उठाते रहे हैं।

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(https://lapeerhealth.com/)

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Akhilesh YadavPilibhitRahul GandhiSamajwadi PartyUP Hindi NewsVarun Gandhi
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