बंगाल का नया एंटी रेप बिल क्या? नियम इतने कठोर, रेप तो छोड़ो छूने से भी कतराएंगे मनचले
Anti Rape Bill: कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस को लेकर ममता सरकार की काफी आलोचना हुई थी। इसके बाद अब बंगाल सरकार नया बिल लाने की तैयारी में है। इस बिल को सोमवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा। इस एंटी रेप बिल में बलात्कार से जुड़े सभी मामलों में आरोपी को मौत की सजा या आजीवन कारावास की सजा दी जा सकेगी। इसके अलावा मुआवजा/ जुर्माने की भी मांग की जाएगी।
क्या है एंटी रेप बिल?
डॉक्टर के रेप मर्डर केस में के बाद बंगाल में रेप को लेकर एक कड़ा कानून बनने जा रहा है। ये बिल सोमवार को विधानसभा में पेश किया जाना है। रेप के बढ़ते मामलों को देखते हुए बंगाल सरकार ने इस बिल को मंजूरी दे दी है। इस नए कानून के तहत रेप करने वालों को सीधे मौत की सजा या मरने तक जेल में रखा जाएगा। ऐसे केसों में अप पीड़िता जिंदा भी बचती है तो आरोपी पर हत्या का केस चलेगा। इसके अलावा जुर्माने का भी प्रस्ताव रखा गया है।
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मृत्युदंड का प्रावधान
पहले आजीवन कारावास के दोषियों के लिए मौत की सजा का प्रावधान था जिसे सुप्रीम कोर्ट ने 1983 के मिठू बनाम पंजाब राज्य मामले में खारिज कर दिया था। IPC की धारा 303 में अनिवार्य मृत्युदंड का प्रावधान था जिसे खारिज किया गया था। कोर्ट का इसपर कहना था कि इस कानून से समक्ष समानता के मौलिक अधिकार (संविधान का अनुच्छेद 14) और जीवन के अधिकार (अनुच्छेद 21) का उल्लंघन होता है। इसमें कहा गया कि इससे कोर्ट अपने विवेक प्रयोग करने की इजाजत नहीं देता है। इसकी वजह से कई गलत फैसले लिए जा सकते हैं जिससे व्यक्ति अपना जीवन खो सकता है।
#WATCH | West Bengal: Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury along with party workers protest in Kolkata over the rape-murder of a doctor at RG Kar Medical College and Hospital. pic.twitter.com/uV3jeMP6mb
— ANI (@ANI) August 29, 2024
बंगाल सरकार ने कोर्ट से क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट में इस बिल पर बंगाल सरकार के वकील संजय बसु ने अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि हमने इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के कई फैसलों पररिस्रच की है। इसके बाद ही बंगाल सरकार बालात्करियों के लिए मौत और कारावास दोनों का प्रस्ताव करते हैं। इसके अलावा पीड़िता के इलाज के लिए जुर्माना या मुआवजे की भी मांग करते हैं।
आपको बता दें कि इस तरह के विधेयक महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में बनने के लिए तैयार हैं। आंध्र प्रदेश दिशा विधेयक, 2019 और महाराष्ट्र शक्ति विधेयक, 2020 में भी सामूहिक बलात्कार के मामलों में मौत की सजा की मांग की गई है। इन विधेयकों अभी राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं।
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