वृंदावन के बांके बिहारी से भी खास है इस मंदिर की होली, 5 पॉइंट में जानें अहम जानकारियां
Vrindavan Iskcon Mandir: हिंदू धर्म में प्रत्येक त्योहार के दिन अलग ही धूम देखने को मिलती है। खासतौर पर होली और दिवाली में। होली का त्योहार अपने साथ रंग और उल्लास लेकर आता है। इस दिन लोग आपसी बैर भुलाकर एक दूसरे को रंग लगाते हैं। इस साल होली का त्योहार 25 मार्च को मनाया जाएगा। होली के दिन जहां लोगों के घरों में अलग ही रौनक देखने को मिलती ही है। तो वहीं हिंदू मंदिर में भी खूब धूम होती है।
अगर इस बार आप भी होली रंगों के साथ-साथ भक्ति में लीन होकर मनाना चाहते हैं, तो आज हम आपको वृंदावन के उस फेमस मंदिर के बारे में बताएंगे। जहां होली बहुत ही खास तरीके से खेली जाती है। जहां जाकर आप होली के पर्व को खास बना सकते हैं। आइए जानते हैं उस खास मंदिर के बारे में।
Bless your tl with divine darshan of Shri Krishna Balaram Mandir (Iskcon Temple) ,Vrindavan
Hare Krishna 🙏❤️✨ pic.twitter.com/mm0qAh7IOP
— Supriya Tripathi (@iSupriya9) September 3, 2021
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क्यों खास है इस्कॉन मंदिर की होली?
उत्तर प्रदेश के वृंदावन में इस्कॉन मंदिर स्थित है, जो कि श्रीकृष्ण और राधा रानी को समर्पित है। यहां खास तरीके से होली खेली जाती है। यहां पर होली से एक महीने पहले ही रंगों से लेकर रंग-बिरंगे फूलों और पंखुड़ियों की होली खेलनी शुरू हो जाती है।
श्रीकृष्ण और राधा रानी की भक्ति में सराबोर होने के लिए होली के मौके पर यहां बड़ी संख्या में लोग आते हैं। होली के खास मौके पर रोजाना यहां राधा-कृष्ण का स्पेशल श्रृंगार किया जाता है। वहीं मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से सजाया जाता है। जो देखने में बहुत ज्यादा मनमोहक लगते हैं। बता दें कि कान्हा की नगरी होली के दिन रंगों के साथ-साख भक्ति में भी लीन होती है। यहां 'हरे रामा हरे कृष्णा' की धुन पर लोग डांस करते हैं। इसके अलावा एक दूसरे को रंग लगाते हैं।
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— I love my radha krishna 💕 (@th72414837) January 5, 2023
इस्कॉन मंदिर में किस समय की जाती है आरती?
बता दें कि वृंदावन का इस्कॉन मंदिर सफेद टाइल्स से बना हुआ है। इसके अलावा मंदिर के अंदर अद्भुत चित्रकारी भी की गई है। श्रीकृष्ण और राधा रानी की कई पेंटिग भी मंदिर में देखने को मिलती है। वहीं इस्कॉन मंदिर में रोजाना आरती भी की जाती है। यहां सुबह और शाम दोनों समय आरती तो होती ही है। इसके अलावा अलग-अलग प्रहर में भी आरती की जाती है।
सर्दियों से लेकर गर्मियों तक, हर मौसम में इस्कॉन मंदिर प्रात: काल 4:10 मिनट पर खुल जाता है। मंदिर खुलते ही सबसे पहले समाधि आरती की जाती है। इसके बाद 4:30 मिनट पर मंगला आरती होती है। वहीं दिन में मंदिर के कपाट 12:45 मिनट पर बंद होते हैं। लेकिन कपाट बंद होने से पहले कई अन्य तरह की आरती की जाती है। साथ ही भगवान कृष्ण को भोग लगाया जाता है। फिर मंदिर शाम में 4:30 मिनट पर खुलता है, जिसके बाद संध्या आरती की जाती है। सर्दियों में शाम में मंदिर के कपाट 8:15 मिनट पर बंद होते हैं। वहीं गर्मियों में मंदिर के कपाट 8:45 मिनट पर बंद होते हैं।
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