गौमूत्र पीने पर मिलेगी गरबा में एंट्री, बीजेपी नेता के बयान पर मचा बवाल
BJP Leader on Gaumutra and Garba Entry: नवरात्रि के नजदीक आते ही देश की अलग-अलग जगहों पर दुर्गा पूजा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। भव्य पंडालों से लेकर गरबा की चर्चा जोरों पर है। इसी बीच मध्य प्रदेश के बीजेपी के जिला अध्यक्ष चिंटू वर्मा का बयान सत्ता के गलियारों में सुर्खियां बटोर रहा है। चिंटू वर्मा ने गरबा में प्रवेश करने के लिए लोगों को गौमूत्र पिलाने की सलाह दी है। उनका कहना है कि जो भी लोग गरबा में आएं उन्हें गौमूत्र पिलाया जाए।
क्या है गौमूत्र पिलाने की वजह?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो गरबा पंडाल में हजारों की संख्या में लोग शिरकत करते हैं। इनमें दूसरे धर्म के लोग भी शामिल होते हैं। भीड़ का फायदा उठाकर यह लोग लड़कियों के साथ छेड़खानी करते हैं। इन घटनाओं पर लगाम कसने के लिए बीजेपी नेता चिंटू वर्मा ने गौमूत्र पिलाने का सुझाव दे डाला है। इंदौर के जिलाध्यक्ष चिंटू वर्मा का बयान सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
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गौमूत्र की जगह आधार कार्ड क्यों नहीं?
चिंटू वर्मा ने कहा कि गरबा में प्रवेश करते समय लोगों को गौमूत्र पिलाया जाए। हिंदू धर्म के लोगों को गौमूत्र पीने में कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन अगर वो दूसरे धर्म के लोग होंगे, तो गौमूत्र कभी नहीं पिएंगे। ऐसे में जब चिंटू वर्मा से पूछा गया कि क्या गौमूत्र ही एकमात्र रास्ता है, लोगों का आधार कार्ड भी चेक किया जा सकता है। इस पर चिंटू वर्मा ने जवाब दिया कि आधार कार्ड तो आसानी से एडिट हो जाते हैं। इसलिए गलत आधार कार्ड दिखाकर भी लोग गरबा में प्रवेश कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ में भी उठी थी मांग
चिंटू वर्मा ने यहां तक कहा कि विधर्मी गरबा में शामिल होने के लिए तिलक तक लगा लेते हैं। ऐसे में उनकी पहचान करना मुमकिन नहीं होता। इसलिए गौमूत्र ही एकमात्र रास्ता है, जिससे दूसरे धर्म के लोगों को गरबा में घुसने से रोका जा सकता है। बीते दिन छत्तीसगढ़ में भी ऐसी ही मांग उठी थी। विश्व हिंदू परिषद समेत कई संगठनों ने गरबा में आने वाले लोगों को गंगाजल पिलाने की पेशकश की थी।
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