भिक्षु बनने के लिए दान कर दी 200 करोड़ की संपत्ति, जानें कौन हैं भावेश भाई भंडारी?
Donated Rs 200 Crore Become Monk : गुजरात के एक व्यापारी ने करोड़ों की संपत्ति, सुख सुविधा छोड़कर भिक्षु बनने का फैसला किया है। व्यापारी का फैसला सुनकर लोग हैरान रह गए। लोगों के मन में सवाल कौंधने लगा कि एक तरफ जहां लोग सुख सुविधाओं के लिए दिन-रात एक कर मेहनत करते हैं तो वहीं सुख और चैन की जिंदगी छोड़कर ये व्यापारी भिक्षु क्यों बनने जा रहा है।
करोड़पति शख्स ने छोड़ दीं सारी सुख सुविधाएं
गुजरात के साबरकांठा के हिम्मतनगर में रहने वाले भावेश भाई भंडारी ने सांसारिक जीवन की तमाम सुख सुविधाओं से दूरी बनाने का फैसला किया है। भावेश भाई के इस फैसले में उनकी पत्नी भी शामिल हैं। पति के साथ पत्नी ने भी सुख सुविधाओं को छोड़ने का फैसला किया है।
VIDEO | Gujarat-based businessman Bhavesh Bhandari and his wife donated their lifetime earnings of over Rs 200 crore to adopt monkhood. The couple led a procession in Sabarkantha, Gujarat, yesterday as they donated all their belongings.
(Full video available on PTI Videos -… pic.twitter.com/eWu9IQEZo3
— Press Trust of India (@PTI_News) April 16, 2024
भिक्षुओं से है पुराना रिश्ता
भावेश भाई भंडारी एक अच्छे और संपन्न परिवार से ताल्लुख रखते हैं। बचपन से ही वह आराम की जिंदगी जीते आ रहे हैं। परिवार का अहमदाबाद और साबरकांठा में व्यापार था। हालांकि इस परिवार का भिक्षुओं से रिश्ता पुराना है।
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भंडारी दंपति क्यों बने भिक्षु?
भंडारी परिवार का भिक्षुओं और जैन समुदाय के सदस्यों के साथ जुड़ाव रहा है। उनके दो बच्चों ने भी भिक्षु बनने का फैसला किया था। साल 2022 में 16 साल का लड़का और 19 साल की लड़की भी भिक्षु बन गए थे। इसके बाद भंडारी दंपति ने भी भिक्षु बनने का फैसला किया है।
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भंडारी दंपति ने फैसला किया है कि वे एयर कंडीशनर, पंखे और सेल फोन सहित सभी आधुनिक वस्तुओं का त्याग कर देंगे। हिम्मतनगर में एक भव्य जुलूस निकाला गया, जिसमें 35 अन्य लोगों ने भिक्षु बनने का फैसला किया है। इस जुलूस में शामिल होने से पहले भावेश भाई ने अपने पूरे 200 करोड़ रुपये दे दिए।