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एयरहोस्टेस के लिए फ्लाइट में क्यों बनाई जाती हैं Secret जगहें? चाहकर भी नहीं जा सकते यात्री

Secret Place in Flight : फ्लाइट में ऐसी जगहें भी होती हैं, जहां आम इंसान को जाने की इजाजत नहीं होती है। इस जगह पर सिर्फ फ्लाइट अटेंडेंट, क्रू मेंबर्स या पायलट ही जा सकते हैं। लगभग सभी फ्लाइट में ये जगहें होती हैं।
04:30 PM Jun 12, 2024 IST | Avinash Tiwari
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Secret Place in Flight : विमान में सफर के दौरान हमें सिर्फ सीट पर बैठने, गलियारे में चलने और टॉयलेट के इस्तेमाल की छूट मिलती है लेकिन फ्लाइट में गुप्त जगहें भी होती हैं। ये सीक्रेट जगहें स्पेशली क्रू मेंबर, एयर होस्टेस और पायलट के लिए बनाई जाती हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर फ्लाइट में कहां होती हैं ये सीक्रेट जगहें और ये क्यों बनाई जाती हैं।

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जहाज में होते सीक्रेट रूम

कई फ्लाइट्स की उड़ान कई घंटों की होती है। ऐसे में क्रू मेंबर्स को आराम की जरूरत पड़ती है। इसके लिए जहाज के अंदर ही उनके लिए विशेष व्यवस्था होती है। जिसे क्रू रेस्ट कम्पार्टमेंट कहा जाता है। इन जगहों के बारे में आम यात्रियों को कोई जानकारी नहीं होती है। आखिर फ्लाइट में स्टाफ के लिए किस तरह की व्यवस्थाएं होती हैं?

कहां होता है ये सीक्रेट रूम?

बोइंग 787 या एयरबस ए350 जैसे नए विमानों में मुख्य केबिन के ऊपर की तरफ क्रू रेस्ट कम्पार्टमेंट बने होते हैं लेकिन पुराने विमानों में कार्गो होल्ड में या मुख्य केबिन के पास होते थे। फ्लाइट में दो रेस्ट कम्पार्टमेंट होते हैं। एक पायलट के लिए होता है तो वहीं दूसरा केबिन क्रू के लिए होता है। पायलट का रेस्ट कम्पार्टमेंट कॉकपिट के ऊपर ही होता है लेकिन क्रू मेंबर्स का रेस्ट कम्पार्टमेंट गैली के ऊपर बनाया जाता है।

क्रू स्टाफ के लिए छह या इससे अधिक बंक होते हैं। इन्हें इस तरीके से बनाया जाता है कि ये गुप्त रहे। इसके साथ ही शोर, गंध और कंपन का यहां बहुत कम असर होता है। इससे क्रू मेंबर आराम से अपनी नींद पूरी कर पाते हैं। वैसे ये जगह 198 * 76 सेंटीमीटर की होती  है। ऐसे में अगर किसी की लंबाई अधिक होती है तो उसके लिए मुश्किलें आती हैं। इसके साथ ही कपड़े बदलने तैयार होने के लिए भी जगह दी जाती है।

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वैसे यहां कोई खिड़की नहीं होती है, जगह भी बहुत कम होती है लेकिन आरामदायक होती है। यहां ऑक्सीजन मास्क, सीट बेल्ट लाइट और एक इंटरकॉम जैसी व्यवस्थाएं भी होती हैं। हालांकि इन्हें ऐसी जगहों पर बनाया जाता है, जहां यात्रियों का ध्यान ना जाए या वो इसे देख ना पाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि उसे एक कमरा समझकर यात्री अंदर जाने की कोशिश कर सकते हैं।

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एक फ्लाइट अटेंडेंट ने बताया कि कई बार लोग यह सोचकर दरवाजा खोलने की कोशिश करते हैं कि वह कोई टॉयलेट है। फ्लाइट अटेंडेंट ने बताया कि क्योंकि फ्लाइट में हमें खाने-पीने के लिए भी कोई जगह नहीं होती है, ऐसे में ये छोटी सी जगह भी हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण और उपयोगी हो जाती है।

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