हे ईश्वर! 24 घंटे में खाते थे सिर्फ एक खजूर, गोवा में 2 भाइयों की दर्दनाक मौत, जानें पूरा मामला
Goa Brothers death Inside Story: गोवा में दो भाइयों की मौत होने के मामले में पुलिस जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक 29 और 27 साल के भाइयों की मौत कैशेक्सिया और कुपोषण के कारण हुई है। इनकी बॉडी घर से बरामद की गई है। युवकों की मां भी बेहोश मिली है। सभी लोग उपवास पर थे और रोजाना सिर्फ एक खजूर खा रहे थे। उनकी मौत भूख से हुई है। इनके पिता कपड़ा विक्रेता हैं, जो अनबन के कारण अपने परिवार से अलग रह रहे थे।
#Mystery- Two brothers were found dead in a flat at Aquem-Margao. Bodies sent for autopsy. Their mother was found unconscious and shifted to hospital. More details awaited#Goa #GoaNews #Death #Body pic.twitter.com/U9M2QlI8Ni
— In Goa 24x7 (@InGoa24x7) April 24, 2024
बाहरी दुनिया से कट चुका था परिवार
डॉक्टरों ने मौत की पुष्टि की है। मृतकों में इंजीनियर जुबेर खान और छोटा भाई अफान खान शामिल हैं। बेहोश मिली रुकसाना खान का इलाज सरकारी अस्पताल में किया जा रहा है। जिसके बाद उनको मानसिक जांच के लिए गोवा मेडिकल कॉलेज और ह्यूमन बिहेवियर इंस्टीट्यूट में दाखिल करवाया जाएगा। पिता नजीर खान बुधवार को परिवार से मिलने मडगांव के एक्वेम स्थित घर आए थे। उन्होंने दरवाजा खटखटाया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद दरवाजा तोड़ अंदर दाखिल हुए, तो छोटा बेटा कमरे में मृत मिला। साथ लगते कमरे में बड़े बेटे की फर्श पर लाश मिली। मां बिस्तर पर बेहोश मिली। ये लोग खाना नहीं खा रहे थे, जिसके कारण मौत हुई।
नजीर ने बताया कि वे सप्ताह की शुरुआत में भी घर आए थे, लेकिन इन लोगों ने अंदर नहीं आने दिया। नजीर के भाई अकबर खान ने कहा कि ये परिवार बाहरी दुनिया से कट चुका था। ये लोग किसी से बात नहीं करते थे। नजीर की परिवार से अनबन थी, जिसके कारण वे मडगांव में रह रहे थे। दोनों भाइयों का ननिहाल महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में पड़ता है, यहीं पर उनका अधिकांश बचपन बीता था। जुबेर सिंधुदुर्ग के सावंतवाड़ी में इंजीनियर के तौर पर काम करता था, जबकि अफान बीकॉम कर चुका था।
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जुबेर शादीशुदा था, उसके दो बच्चे भी हैं। बाद में ये लोग मडगांव चले गए थे। लेकिन जुबेर की बीवी और बच्चे मडगांव नहीं गए थे। ये लोग काफी साधन संपन्न थे। हो सकता है कि मानसिक तनाव से ग्रस्त हों। ये लोग दिन में सिर्फ एक खजूर खाते थे। नजीर ने बताया कि वे इन लोगों को सामान खरीदने के लिए कुछ पैसे देते थे, लेकिन कई दिन से ये लोग पैसे नहीं ले रहे थे। अवसाद के चलते इन लोगों ने घर के मुख्य गेट को भी बंद कर रखा था। ताकि इनसे मिलने के लिए कोई नहीं आ सके।