जान का दुश्मन बना मगरमच्छ! पहली बार नहीं हुआ सफल तो कई साल किया इंतजार, और फिर...
Gujarat, Vadodara News : उत्तर प्रदेश में एक शख्स को 40 दिन के भीतर 7 बार सांप ने काट लिया। शख्स का कहना है कि 9 बार काटने के बाद उसकी मौत हो जाएगी। हालांकि अब प्रशासन की तरफ से इसकी जांच चल रही है लेकिन इसी बीच गुजरात के वडोदरा से एक खबर सामने आई है, जहां एक ही शख्स पर दो बार मगरमच्छ ने हमला कर दिया।
साल 2021 में वडोदरा के दभोई तालुका में ओरसांग नदी में मगरमच्छ ने प्रवीण तड़वी नाम के शख्स पर हमला कर दिया था। मगरमच्छ ने इसका पैर पकड़ लिया था और घसीटते हुए पानी में ले जा रहा था लेकिन तब उनकी किस्मत अच्छी थी कि जान बच गई थी। उनकी पत्नी पास के ही खेत में काम कर रही थी और शोर सुनते ही नदी में कूद गई थी। इससे मगरमच्छ डर कर भाग गया था।
दो फूट दूर से खींच ले गया मगरमच्छ
इस घटना के बाद प्रवीण काफी डर गए थे और नदी से दूर ही रहने लगे थे। गांव के अन्य लोग भी सतर्क हो गए थे। लेकिन हमेशा किस्मत साथ नहीं देती। हाल ही में प्रवीण अपने बकरियों को नदी पर पानी पिलाने के लिए किनारे गए। वह यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि आस-पास मगरमच्छ नहीं है। इसके लिए उन्होंने नदी में पैर रखा। इतने में मगरमच्छ ने उनपर हमला कर दिया। परिजनों ने बताया, जिस वक्त मगरमच्छ ने हमला किया तब वह नदी से दो फूट दूर खड़े थे।
यह भी पढ़ें : 7वीं बार काटा सांप तो बोला युवक-सपने में कहा-9वीं बार में मौत तय, जिलाधिकारी ने लिया एक्शन
दुर्भाग्यवश, वह इस बार नहीं बच पाए और मगरमच्छ उन्हें पानी में खींच ले गया। प्रवीण का शव कुछ देर बाद ही नदी के ऊपर तैर रहा था। दमकलकर्मियों को इसकी जानकारी दी गई, उन्होंने आकर शव को नदी से बाहर निकाला। प्रवीण के बेटे ने बताया कि वह बकरियों को नदी पर पानी पिलाने से पहले चेक करते थे कि कहीं आसपास मगरमच्छ तो नहीं है। इस बार मगरमच्छ ने उन पर ही हमला कर दिया।
यह भी पढ़ें : दिल्ली में एक्टिव है खुजली गैंग, आप खुजलाते-खुजलाते होंगे परेशान, वो मिनटों में गायब कर देंगे सामान!
जानकारी के अनुसार, पिछले तीन महीने में यह मगरमच्छ द्वारा इंसानों पर किया गया तीसरा हमला था। जानकारों का कहना है कि अप्रैल से अगस्त के महीन में मगरमच्छ अंडे देते हैं, ऐसी स्थिति में वह अपने बच्चों की रक्षा के लिए खतरे को भांपते ही हमलावार हो जाते हैं। यही वजह है कि इस वक्त मगरमच्छ के अधिक हमले दर्ज किए जा रहे हैं।