होमखेलवीडियोधर्म मनोरंजन..गैजेट्सदेश
प्रदेश | हिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारदिल्लीपंजाबझारखंडछत्तीसगढ़गुजरातउत्तर प्रदेश / उत्तराखंड
ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थExplainerFact CheckOpinionनॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

जिसे चाहिए था अलग देश, मरते वक्त मिली थी खटारा एंबुलेंस...हिंदुस्तान का बंटवारा करने वालों को कैसे-कैसे मिली मौत?

Swatantrata Diwas 2024: भारत कल अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस समारोह मनाने जा रहा है। आपको पता होगा कि भारत को आजादी तो नसीब हुई, लेकिन बंटवारा बड़ा जख्म दे गया था। भारत को पाकिस्तान के अस्तित्व में आने के बाद आजादी मिली। बंटवारे का मसौदा काफी पहले तैयार हो गया था।
05:33 PM Aug 14, 2024 IST | Parmod chaudhary
Advertisement

Independence Day 2024: 15 अगस्त 1947 को आजादी से पहले ही भारत के विभाजन का मसौदा तैयार हो गया था। 28 जनवरी 1933 को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के छात्र रहमत अली ने मोहम्मद अली जिन्ना को बताया था कि अगर मुस्लिमों का अस्तित्व बचाना है तो अलग देश चाहिए। इसके बाद पाकिस्तान का खाका तैयार हुआ। 1940 में मुस्लिम लीग ने भी पाकिस्तान का प्रस्ताव रखा था। 2 जून को लॉर्ड माउंटबेटन ने बंटवारे का प्लान पेश किया था। जिसे तत्कालीन ब्रिटिश पीएम क्लेमेंट एटली ने मंजूरी दी थी।

Advertisement

यह भी पढ़ें:Swatantrata Diwas: 15 अगस्त से पहले ही आजाद हो गया था भारत का ये गांव, अंग्रेजों को ‘कुत्ते’ कहकर भगाया था

साइरिल रेडक्लिफ ने बंटवारे की लकीर खींची थी। लेकिन क्या आपको पता है कि जो लोग बंटवारे में शामिल रहे? उनकी मौत कैसे-कैसे हुई थी? कोई निमोनिया से मरा, तो कोई टीबी से। किसी की मौत ब्लास्ट से हुई तो किसी को दफनाने के लिए चंदा जुटाना पड़ा था।

Advertisement

जिन्ना को एंबुलेंस ही खराब मिली

‘मुस्लिम अगेंस्ट द मुस्लिम लीग: क्रिटिक्स ऑफ द आइडिया ऑफ पाकिस्तान’ नाम की किताब में बताया गया है कि जिन्ना के पाकिस्तान से रहमत अली खुश नहीं थे। 6 अप्रैल 1948 को रहमत पाकिस्तान आए थे। इंग्लैंड की सारी संपत्ति उन्होंने बेच दी थी। यहां आकर जिन्ना के खिलाफ बयान देने लगे। एक दिन रहमत ने जिन्ना को गद्दार कह दिया। जिस पर उनकी सारी संपत्ति सीज हो गई और उनको यूके जाने का फरमान सुना दिया गया। वे अक्टूबर 1948 में खाली हाथ यूके गए। वहां कर्जा लिया और बाद में खुद को दिवालिया घोषित कर दिया। अगले साल 3 फरवरी को उनकी मौत हो गई। उनको कैम्ब्रिज के न्यू मार्केट रोड पर कब्रिस्तान में दफनाया गया था। जिसके लिए चंदा जुटाना पड़ा।

वहीं, जिन्ना बंटवारे से पहले ही टीबी से ग्रस्त थे। बंटवारे के एक साल बाद उनकी तबियत काफी बिगड़ गई थी। डॉक्टरों ने जांच की तो निमोनिया की बीमारी भी पाई गई। क्वेटा में इलाज चला। उनकी बहन फातिमा को डॉक्टरों ने बता दिया था कि वे कुछ ही दिन जिंदा रहेंगे। जिन्ना ने कहा था कि वे कराची में पैदा हुए हैं। उनको वहीं दफनाना। दो घंटे की उड़ान के बाद उनको कराची लाया गया था। वहां एयरपोर्ट से उनको एंबुलेंस से ले जाया गया। एंबुलेंस 4 किलोमीटर चलने के बाद ही रुक गई। उन्हें बताया गया कि इसका पेट्रोल खत्म हो गया है। जिन्ना की हालत इतनी खराब थी कि मक्खियां भिनभिना रही थीं। घंटेभर बाद दूसरी एंबुलेंस से उनको गवर्नर हाउस लाया गया। बाद में 11 सितंबर 1948 को उनकी यहीं मौत हो गई।

माउंटबेटन को परिवार समेत उड़ाया

27 अगस्त 1979 को लॉर्ड माउंटबेटन परिवार के साथ आयरलैंड के काउंटी स्लिगो में छुट्टी बिताने गए थे। वे 29 फीट लंबी शैडो नाव में थे। उनके साथ बेटी पैट्रिशिया, उनके पति जॉन, बेटी की सास डोरेन नैचबुल, लेडी ब्रेबोर्न और बेटी के जुड़वां बच्चे निकोलस और टिमोथी मौजूद थे। परिवार के अलावा 15 वर्षीय नौकर पॉल मैक्सवेल और दो कमांडो उनकी निगरानी कर रहे थे। अचानक नाव में ब्लास्ट हुआ और सबके चिथड़े उड़ गए। बताया जाता है कि उनकी हत्या के पीछे आयरिश रिपब्लिकन आर्मी का हाथ था। जो आयरलैंड में उनके ऑपरेशन से नाराज थी।

यह भी पढ़ें:Independence Day 2024: स्वतंत्रता दिवस से जुड़ी 10 खास बातें, क्या आप जानते हैं इनके बारे में?

बात करते हैं सिरिल रेडक्लिफ की, जो भारत से लौटने के बाद BBC से जुड़े रहे। 1957 में उनको साइप्रस का आयुक्त नियुक्त किया गया। उन्होंने साइप्रस के लिए संविधान का मसौदा भी तैयार किया। उनकी कोई संतान नहीं थी। 1977 को 78 साल की उम्र में उनकी साधारण मौत हुई थी।

लियाकत अली का हुआ मर्डर

लियाकत अली की भी हत्या हुई थी। वे 16 अक्टूबर 1951 को रावलपिंडी के ईस्ट इंडिया कंपनी गार्डन में मुस्लिम सिटी लीग की मीटिंग में पहुंचे थे। अभी भाषण शुरू ही किया था कि पठानी सूट और पगड़ी बांधे युवक ने रिवॉल्वर से गोलियां मारकर हत्या कर दी। दो गोलियां सीने में धंसी मिली थीं, जबकि 3 पार हो गई थीं। गार्ड्स ने हमलावर को भी मार गिराया था। मृतक अफगानिस्तान का रहने वाला सईद अकबर था। हत्या के कारणों का खुलासा आज तक नहीं हो सका है।

यह भी पढ़ें:Swatantrata Diwas 2024: लाल क‍िले का असली नाम क्‍या है? स्‍वतंत्रता द‍िवस पर पीएम यहीं क्‍यों फहराते हैं त‍िरंगा?

यह भी पढ़ें:Swatantrata Diwas 2024: 15 अगस्त को ही क्यों मिली आजादी? गांधी जी क्यों नहीं शामिल हुए जश्न में?

Open in App
Advertisement
Tags :
Independence Day 2024
Advertisement
Advertisement