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दुनिया को सिखाते रहे स्वस्थ रहने के तरीके, हार्ट अटैक से हो गई मौत; जानें कौन थे शरत जोइस

Yoga master Sharath Jois : जिंदगी भर लोगों को योग सिखाने वाले शरत जोइस की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। वह अमेरिका के दौर पर थे। बताया जा रहा है कि पैदल यात्रा के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया।
12:06 PM Nov 14, 2024 IST | Avinash Tiwari
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Yoga master Sharath Jois :प्रसिद्ध योग प्रशिक्षक और योग के दिग्गज गुरु कृष्ण पट्टाभि जोइस के पोते शरत जोइस का निधन हो गया। सोमवार को अमेरिका के वर्जीनिया में उन्होंने अंतिम सांस ली है। शरत जोइस 53 वर्ष के थे। खबरों की मानें तो वर्जीनिया विश्वविद्यालय के पास एक हाइकिंग ट्रेल पर दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। इस दौरान वह घूमने निकले थे।

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शरत जोइस की बहन शर्मिला महेश ने उनकी मृत्यु की पुष्टि की। उन्होंने लिखा कि यह लिखते हुए मेरे हाथ कांप रहे हैं। गहरे दुख के साथ हम सभी को सूचित करना चाहते हैं कि  सरस्वती के बेटे और मेरे भाई शरत जोइस का आज तड़के अमेरिका में निधन हो गया।

शरत जोइस के योग केंद्र की तरफ से भी उनके निधन की खबर की पुष्टि की। योग केंद्र की तरफ से जारी किए गए के बयान में कहा गया है कि यह बहुत दुख की बात है कि हम अपने प्रिय गुरु शरत जोइस के अचानक निधन की खबर आपके साथ साझा कर रहे हैं। उनका निधन 11 नवंबर, 2024 को वर्जीनिया, अमेरिका में हुआ।

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कौन थे शरत जोइस?

शरत जोइस प्रसिद्ध योग प्रशिक्षक और योग के दिग्गज गुरु कृष्ण पट्टाभि का पोते थे। उन्होंने अपने दादा कृष्ण पट्टाभि जोइस से यह कला सीखी। गुरु कृष्ण पट्टाभि दुनिया भर में प्रसिद्ध थे और उन्हें मानने वालों में ग्वेनेथ पाल्ट्रो और मैडोना जैसी हस्तियां शामिल थीं। 2009 में अपने दादा की मृत्यु के बाद जोइस ने उनकी विरासत को संजोने के लिए जाना जाता है।

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2019 में शरत जोइस की मां सरस्वती रंगास्वामी ने संस्थान का नाम बदलकर के पट्टाभि जोइस अष्टांग योग शाला रख दिया। शरत ने एक नया केंद्र, शरत योग केंद्र खोला। शरत के संस्थान में कथित तौर पर हर महीने 5,000 से ज्यादा आवेदन आते थे। जिसमें हर सत्र में लगभग 350-400 छात्र आते थे। उन्होंने प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित किया जिन्होंने अष्टांग योग को अफ्रीका, एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका सहित महाद्वीपों में फैलाया।


न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, अपनी मृत्यु के दिन जोइस वर्जीनिया विश्वविद्यालय में एक सेमिनार में गए थे और लगभग 50 छात्रों के साथ पदयात्रा पर भी गए। उनके अंदर थकावट दिख रही थी और वह सबसे पीछे चल रहे थे। कुछ दूर चलने के बाद एक बेंच पर बैठे और बाद में उससे गिर गए। बाद में पता चला कि उन्हें हार्ट अटैक आया था।

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