होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

फॉर्च्यूनर कार से भी महंगे बैल, आखिर किसान ने क्यों खर्च किए लाखों रुपये? जानें वजह

Bullock Cart Race Karnataka : कर्नाटक के रहने वाले एक किसान ने बैलों की जोड़ी को फॉर्च्यूनर कार से भी अधिक कीमत में खरीदा है, जानें आखिर किसान ने ऐसा क्यों किया? इसके पीछे की वजह बड़ी दिलचस्प है।
03:30 PM Sep 27, 2024 IST | Avinash Tiwari
यह फोटो मेटा AI से बनाई गई है
Advertisement

Bullock Cart Race Karnataka : एक किसान एक जोड़ी बैल खरीदने के लिए इतने पैसे खर्च कर दिए, जितने में इंसान आराम से फॉर्च्यूनर कार खरीद सकता है लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर किसान ने ऐसा क्यों किया? इसके पीछे बड़ी दिलचस्प वजह है। कहा जा रहा है कि यह पहली बार हुआ जब उत्तरी कर्नाटक क्षेत्र के किसी गांव में बैलों की एक जोड़ी की इतनी महंगी कीमत लगी हो।

Advertisement

कर्नाटक के कई क्षेत्रों में बैलगाड़ी दौड़ की प्रतियोगिता होती है और लोग बढ़-चढ़कर इसमें हिस्सा लेते हैं। बागलकोट, विजयपुरा, गोकक और क्षेत्र के अन्य जिलों के कुछ हिस्सों में बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिताओं में शामिल बैलों की कीमत 12 से 14 लाख रुपये के बीच होती है। बैलगाड़ी दौड़ ग्रामीणों द्वारा जात्रा (मेलों) और त्योहारों के अवसर पर आयोजित किए जाने वाले लोकप्रिय कार्यक्रमों में से एक है।

बैलगाड़ी रेस जीतने वालों को मिलता है इनाम 

इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए किसान उत्साहित रहते हैं। इसमें हिस्सा लेना और जीतना किसानों के लिए गर्व की बात मानी जाती है। यही वजह है कि बैलों को महंगे दाम में बेचा और खरीदा जाता है। इतना ही नहीं, इस तरह की प्रतियोगिता को जीतने वाले बैलों को 50,000 रुपये से 1 लाख रुपये तक का नकद पुरस्कार दिया जाता है।

यह भी पढ़ें : Video: दुनिया के सबसे ऊंचे रेल ब्रिज की तस्वीरें, रेलमंत्री ने शेयर किए हेलीकॉप्टर से कैप्चर शॉट

Advertisement

पहले भी बैलों पर खर्च कर चुके हैं लाखों रुपये

36 लाख में बैल को खरीदने वाले यल्लंगौड़ा पाटिल बसवेश्वर जात्रा समिति महालिंगपुर के अध्यक्ष हैं। उन्होंने TOI को बताया कि परिवार के सदस्य 50 से अधिक सालों से बैलगाड़ी दौड़ में भाग ले रहे हैं। इसमें भाग लेना हमारे परिवार की परंपरा है और हम दौड़ जीतने के लिए हमेशा मजबूत और बलवान बैल खरीदते हैं। हमने एक बैल 11 लाख रुपये और दूसरा 14 लाख रुपये में खरीदा था और कई दौड़ में प्रथम पुरस्कार जीता था।

यह भी पढ़ें : शराब पीने को बच्ची लगाई दांव पर! कीमत तय, मैनेजर ने बिगाड़ा खेल, कपल पहुंचा जेल

यल्लंगौड़ा पाटिल ने कहा कि हाल ही में हुई एक प्रतियोगिता में हमारे बैल तीसरे स्थान पर आए, इसलिए हमने एक जोड़ी नए बैल को खरीदने की योजना बनाई। इसी बीच हमें पता चला एक किसान बैलों की एक जोड़ी बेच रहा है जो 100 से ज्यादा रेस में भाग लेकर जीत चुके हैं। हमने उन्हें 36 लाख रुपए में खरीदा है। उन्होंने बताया कि अब बैलों को 4 अक्टूबर को मुधोल और 15 अक्टूबर को यादवड़ में दशहरा उत्सव में भाग लेने के लिए तैयार किया जा रहा है।

Open in App
Advertisement
Tags :
Karnataka NewsTrending NewsViral News
Advertisement
Advertisement