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गजब! दिवाली के बाद यहां लगती है सांपों की अदालत, इंसानों को काटने का बताते हैं कारण

Madhya Pradesh News: 31 अक्टूबर को देशभर में दिवाली का त्योहार मनाया गया। दिवाली के बाद मध्यप्रदेश में एक अनोखी अदालत का आयोजन होता है, जिसमें सांप आते हैं। पिछले 100 साल से ये अदालत लगती आ रही है।
10:37 AM Nov 01, 2024 IST | Shabnaz
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Madhya Pradesh News Vijendra Singh Rana: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 30 किलोमीटर दूर सीहोर नाम का एक जिला है। इस जिले के गांव लसूड़िया परिहार में दिवाली के बाद पड़वा पर एक अनोखी अदालत लगती है। उस अदालत में इंसानों की पेशी नहीं बल्कि सांपों की पेशी की जाती है। यहां पर सांप आकर इंसानों को काटने की वजह बताते हैं। इस अदालत की परंपरा करीब 100 साल से ऐसे ही चली आ रही है।

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सांपों की अदालत में क्या होता है?

ये वही गांव है जहा पर अगर किसी को सांप काट लेता है तो वहां के लोग इलाज के लिए अस्पताल नहीं मंदिर जाते हैं। इसके अलावा दिवाली के अगले दिन एक अदालत का आयोजन होता है। जिसमें सांप आकर बताता है कि उसने किसी व्यक्ति को क्यों काटा है। इस चमत्कार को देखने लोग दूर-दूर से आते हैं। जानकारी के मुताबिक, इसमें करीब 15 हजार से ज्यादा लोग शामिल होते हैं। ये प्रथा 100 साल से चली आ रही है।

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सांप बताते हैं डसने का कारण

अदालत में पेशी के दौरान सांप इंसानी शरीर में आते हैं। कोर्ट में उनसे पूछा जाता है कि उसने इंसान को क्यों काटा? तो इंसानी रूप में वह सांप वजह बताता है। कोई कहता है पूछ पर पैर रख दिया था, तो कोई कहता है परेशान किया था। पेशी के दौरान सांप के काटने का कारण जानने के अलावा एक वादा भी लिया जाता है कि भविष्य में ऐसी घटना फिर से नहीं होगी। सांप की अदालत का यह नजारा हर साल यहां दीपावली के दूसरे दिन पड़वा को देखने मिलता है। यहां वह सब लगो पहुंचते हैं जिनको कभी किसी सांप ने काटा होता है।

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अदालत के जज होते हैं पंडित

जैसे ही अदालत शुरू करने के लिए सांप की आकृति बनी थाली को नगाडे की तरह बजाना शुरू किया जाता है। इसके बाद जिन लोगों को कभी भी सांप ने काटा होता है वह झूमने लगते हैं। सभी सर्पदंश के पीड़ित झूमते हैं और एक-एक कर पंडित के सामने आते हैं। यहीं से अदालत की कार्रवाई शुरू होती है।


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