438 दिन तक समुद्र में भटकता रहा शख्स, 'कछुए का खून' पीकर बचाई जान; लगा था बेहद संगीन आरोप
Man Lost at Sea : पानी, बिस्तर, खाने के बिना एक दिन की कल्पना करना भी मुश्किल है लेकिन एक शख्स 438 दिन तक समुद्र में फंसा रहा और किसी तरह बच निकला लेकिन अब एक बेहद संगीन आरोप का सामना कर रहा है। जोस साल्वाडोर अल्वारेंगा नाम का शख्स उस वक्त 35 साल का था जब वह साल 2012 में दिसंबर के महीने में मैक्सिको से शार्क मछली पकड़ने के लिए निकला था लेकिन बीच समुद्र में ही उसकी नाव खराब हो गई। तमाम कोशिशों के बाद भी नाव ठीक नहीं हुई तो वह 22 साल के साथी ईजेकील कॉर्डोबा के साथ प्रशांत महासागर में फंस गया।
438 दिन बेहद बुरी हालत में जोस साल्वाडोर अल्वारेंगा प्रशांत महासागर के मध्य स्थित सुदूर द्वीपसमूह मार्शल द्वीप समूह के एबन एटोल के किनारे मिला। इसके बाद अल्वारेंगा खूब चर्चाओं में आ गया। साल 2014 में अमेरिकी कानूनी फर्म ने यह जांच की कि मानसिक रूप ठीक है या नहीं और इसके दावे क्या वाकई सच हैं? इसके लिए मनोवैज्ञानिक परीक्षण और झूठ पकड़ने वाला टेस्ट भी किया गया। जांच के बाद अधिकारियों ने माना कि उसका दावा सही है।
समुद्र में इतने दिन कैसे जिंदा रहा?
अल्वारेंगा ने दावा किया कि वह पक्षियों, मछलियों और कछुओं को पकड़कर खाता था। इतना ही नहीं, बारिश का पानी पीने के लिए इस्तेमाल करता था लेकिन अगर पानी नहीं मिल पाता था तो वह कछुओं का खून और अपना मूत्र पीकर जिंदा रहने की कोशिश करता था। अल्वारेंगा ने कहा कि समुद्र में हर दिन एक जैसा ही था। दिन और रात सब बराबर था। मुझे यह तक नहीं पता था कि समय क्या हो रहा है। मुझे बस यह याद था कि 1 दिसंबर 2012 को हम निकले थे।
In late 2012, José Salvador Alvarenga, an experienced fisherman, faced a brutal storm in a small 15-foot boat
Stranded for 438 days, he endured isolation and hunger, surviving on raw fish, turtles, and birds he caught barehanded. Tragically, his inexperienced mate, Ezequiel… pic.twitter.com/1Du7kGRBJ2
— UberFacts (@UberFacts) July 8, 2023
जब अल्वारेंगा पहली बार समुद्र से बाहर आया तो जब वह अपने साथ कॉर्डोबा की मां एना रोजा डियाज से मिला तो दोनों गले मिलकर रोते दिखाई दिए थे लेकिन कुछ ही दिन दोनों परिवार के बीच रिश्ते बेहद खराब हो गए। कॉर्डोबा की मां एना रोजा डियाज ने अल्वारेंगा पर बेहद संगीन आरोप लगाया। कोर्डोबा के परिवार का कहना है कि अल्वारेंगा ने झूठी कहानी बनाई। घटना के लगभग एक साल बाद ही साल 2015 में दस लाख डॉलर के मुआवजे की मांग की और दावा किया था कि ईजेकील कॉर्डोबा अपने साथी व्यक्ति के हाथों नरभक्षण का शिकार हुआ था।
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हालांकि अल्वारेंगा के वकील लगातार इस दावे का खंडन करते रहे। अल्वारेंगा का कहना है कि कोर्डोबा की मौत उसके सामने ही जहाज पर हुई थी। उसके मरने के बाद मैं कई दिन तक रोता रहा। छह दिन बाद उसे पानी में गिरा दिया था, मैंने ही उसे मछली पकड़ने के लिए आमंत्रित किया था। मैं उसकी मौत के लिए खुद को दोषी मानता हूं।