MDH and Everest Masala Row: क्यों भारत में बिकने वाले मसालों की क्वालिटी चेक करेगा FSSAI?
MDH Everest Spice Controversy: एवरेस्ट और एमडीएच के कुछ मसालों को सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग में बैन किया गया है। जिसके बाद अब भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने भी देशभर में बेचे जाने वाले मसालों की क्वालिटी जांच का फैसला लिया है। यानी सभी ब्रांडों के मसालों के सैंपल लिए जाएंगे। सरकारी सूत्रों के मुताबिक मौजूदा समय में जो मामला सामने आया है, उसके तहत ये जाना जाएगा कि ये ब्रांड बिक्री के तय मानदंडों को पूरा करते हैं या नहीं।
यह भी पढ़ें:आसमान की रानी! एयर इंडिया बोइंग 747 ने भरी अपनी आखिरी उड़ान
एफएसएसएआई स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत आता है। लेकिन यह मसालों की गुणवत्ता को लेकर नियमन नहीं करता है। सिर्फ घरेलू बाजार में जो उत्पाद बेचे जाते हैं, उनकी गुणवत्ता की जांच के लिए सैंपल लेता है। भारतीय मसाला बोर्ड हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में बैन लगाए जाने के बाद गौर कर रहा है। वहां चार मसाला मिक्स आइटम पर बैन किया गया है।
चार मिक्स मसाला आइटम को किया गया बैन
बताया जा रहा है कि हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में एमडीएच और एवरेस्ट के चार मिक्स मसाला आइटम में जरूरत से अधिक एथिलीन ऑक्साइड मिला है। जिसके बाद हॉन्गकॉन्ग में खाद्य सुरक्षा केंद्र यानी सीएफएस ने लोगों को सलाह दी है कि इनकी खरीद न करें। व्यापारियों को भी चेताया गया है कि वे बिक्री न करें। एजेंसी ने इन मसालों को वापस लेने का आदेश दिया है।
यह भी पढ़ें: 3 मई को Bajaj की सबसे ताकतवर Pulsar होगी लॉन्च! पावर देखकर उड़ जायेंगे होश
एवरेस्ट फिश करी मसाला, एमडीएच करी मसाला, एमडीएच के मद्रास करी पाउडर और एमडीएज सांभर मिक्स मसाला में दिक्कत मिली है। एथिलीन ऑक्साइड की अधिक मात्रा को कैंसर जैसी बीमारी फैलाने का कारक माना जाता है। डब्ल्यूएचओ का इंटरनेशनल कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट एथिलीन ऑक्साइड को समूह-1 कार्सिनोजेन के तौर पर मानता है। जो इंसानों में कैंसर का कारक होता है।