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अतंर‍िक्ष की दुन‍िया में हुआ चमत्‍कार! 22 करोड़ KM दूर से धरती को म‍िला खास स‍िग्‍नल

Nasa Psyche Spacecraft : नासा के साइकी अंतरिक्ष यान द्वारा पृथ्वी पर एक सिग्नल भेजा गया जो पृथ्वी से करीब 22 करोड़ किमी दूर है। जानिए क्या है नासा का साइकी अंतरिक्ष यान?
01:04 PM May 02, 2024 IST | News24 हिंदी
अतंर‍िक्ष की दुन‍िया में हुआ चमत्‍कार  22 करोड़ km दूर से धरती को म‍िला खास स‍िग्‍नल

Nasa Psyche Spacecraft : अंतरिक्ष की दुनिया के लिए काम करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी एजेंसी नासा ने हाल ही में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। दरअसल नासा को 140 मिलियन मील (करीब 22 करोड़ क‍िलोमीटर) दूर एक लेजर ट्रांसमिशन सिग्नल मिला है। इस सिग्नल से अंतरिक्ष यात्रा के प्लान पर बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना है।

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22 करोड़ किमी दूर से मिला सिग्नल

नासा को मिला यह सिग्नल साइकी अंतरिक्ष यान (Psyche Spacecraft) द्वारा भेजा गया था, जो फिलहाल पृथ्वी से 140 मिलियन मील (22 करोड़ किमी) दूर है। यह दूरी पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी का लगभग डेढ़ गुना है। नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला (Jet Propulsion Laboratory) से जुड़ी मीरा श्रीनिवासन ने बताया, "यह उपलब्धि हमारी परियोजना के लिए महत्वपूर्ण है कि ऑप्टिकल कम्युनिकेशन, अंतरिक्ष यान के रेडियो फ्रीक्वेंसी कॉम सिस्टम (Spacecraft Radio Frequency Comms System) के साथ इंटरफेस कर सकता है।"

नासा की यह उपलब्धि डीप स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशंस ( Deep Space Optical Communications) या डीएसओसी नामक साइकी फीचर का उपयोग करके हासिल की गई। नासा अंतरिक्ष और जमीन के बीच लेजर कम्युनिकेशन की क्षमता की जांच कर रहा है, जिससे अंतरिक्ष की रिसर्च में और तेजी आ सके।

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बताया गया कि नासा को मिली ये सफलता इसलिए भी बड़ी खास है क्योंकि ये लेजर संदेश रिकॉर्ड-तोड़ दूरी तक (140 मिलियन मील) ना सिर्फ भेजा गया बल्कि अंतरिक्ष यान से डेटा को भी शेयर करने में कामयाबी मिली है।

क्या है नासा का साइकी अंतरिक्ष यान?

साइकी अंतरिक्ष यान को नासा की जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला (NASA's Jet Propulsion Laboratory) में बनाया गया था। यह अंतरिक्ष यान फिलहाल बृहस्पति और मंगल के बीच मुख्य ऐस्टरौएड बेल्ट की ओर बढ़ रहा है। ये अंतरिक्ष यान डीप स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशंस तकनीक से लैस है।

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अंतरिक्ष यान से वैसे तो रेडियो फ्रीक्वेंसी से कम्युनिकेशन किया जाता है लेकिन अंतरिक्ष यान से ऑप्टिकल कम्युनिकेशन में मिली सफलता इस क्षेत्र में गेमचेंजर साबित हो सकती है।

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