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हवा में ही चलते विमान का इंजन बंद कर देते थे रतन टाटा, जानें वजह

Ratan Tata Biography Facts: रतन टाटा आज दुनिया में नहीं हैं। 10 अक्टूबर को उनका निधन हो गया था। वे अपनी नेतृत्व क्षमता और परोपकार के लिए जाने जाते थे। रतन टाटा से जुड़े कई किस्से हैं, जिनके चर्चे खूब हो रहे हैं। ऐसे ही एक शानदार किस्से के बारे में आपको बता रहे हैं।
09:42 PM Oct 27, 2024 IST | Parmod chaudhary
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Ratan Tata Biography: रतन टाटा की गिनती भारत के परोपकारी कारोबारियों में होती थी। जिनकी नेतृत्व क्षमता को लेकर अलग ही पहचान थी। 10 अक्टूबर को उनका 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। विमानन में उनकी खासी रुचि थी। टाटा ने 1960 के दशक में पायलट का लाइसेंस हासिल किया था। वे F16 विमान को उड़ाने में सह पायलट के तौर पर भूमिका निभा चुके थे। उनसे जुड़े कई ऐसे किस्से हैं, जिनकी चर्चा आज भी खूब हो रही है। थॉमस मैथ्यू ने रतन टाटा की जीवन लिखी है, जिसमें उनसे जुड़ीं कई अनसुनी कहानियों का जिक्र है। उम्र बढ़ने और अपनी जिम्मेदारियां बढ़ने के बाद भी उनकी विमानन के प्रति रुचि कम नहीं हुई।

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साथियों को डराते थे टाटा

मैथ्य की जीवनी में इस बात का जिक्र भी है कि रतन टाटा उड़ान के दौरान ही विमान का इंजन बंद कर देते थे। वे ऐसा अपने साथियों को डराने के लिए करते थे। इस पहलू से अब तक शायद ही कोई वाकिफ हो। रतन टाटा ऐसे बिजनेस लीडर थे, जिनकी वजह से भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान मिली थी। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने कई ऊंचाइयों को हासिल किया। वे दूरदर्शी व्यक्ति माने जाते थे, जो कड़े फैसले लेने के लिए जाने जाते थे। असंभव को संभव कर दिखा पाना टाटा के लिए कोई मुश्किल काम नहीं था। वे अपना हर फैसला सोच-समझकर लेते थे, उसे साहस के साथ पूरा करते थे। उनकी कार्यशैली गजब की थी।

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वे अपने तरीके से काम करते थे। पुरानी परंपराओं की कभी भी उन्होंने परवाह नहीं की। उनके निधन के बाद पूरे देश में शोक की लहर दिखी थी। आज भी लोग उनकी महानता को याद करते हैं। टाटा ने बिजनेसमैन होने के बाद भी ग्रामीण विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में उल्लेखनीय योगदान दिया था। उनकी कई बातों के बारे में लोग जानते हैं, लेकिन कई पहलू ऐसे भी हैं, जो अब तक दुनिया के सामने नहीं आए हैं। थॉमस ने जो जीवनी लिखी है, उनमें ऐसी कई बातों का जिक्र है। थॉमस ने अपनी किताब में उनकी विमानन में रुचि को लेकर बात की है।

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1960 के दशक में लिया था लाइसेंस

1960 के दशक में टाटा ने यूएस के न्यूयॉर्क स्थित कार्नेल विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान पायलट का लाइसेंस हासिल किया था। इस दौरान नियमित तौर पर छोटे विमान उड़ाए। टाटा को न केवल विमान उड़ाने, बल्कि तकनीकी जानकारियां भी थीं। 2009 में उनके सिंगल इंजन वाले ट्राई पेसर विमान का इंजन फेल हो गया था। जिसके कारण इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। टाटा अपनी क्षमता के बल पर सफलापूर्वक उतरने में सफल रहे थे। यही नहीं, वे एयरो इंडिया शो में F-16 फाइटर जेट 2007 और 2011 में उड़ा चुके थे।

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