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शांतनु नायडू कौन? जो अंतिम दिनों में रतन टाटा के बेहद करीब, कैसे हुई दोनों की दोस्ती

Rata Tata and Shantnu Naidu : रतन टाटा के निधन के बाद उनके सबसे करीबी माने वाले शांतनु नायडू ने एक भावुक पोस्ट लिखा है, जो वायरल हो रहा है। कौन हैं शांतनु नायडू और वह रतन टाटा से कैसे मिले?
01:10 PM Oct 10, 2024 IST | Avinash Tiwari
शांतनु नायडू कौन  जो अंतिम दिनों में रतन टाटा के बेहद करीब  कैसे हुई दोनों की दोस्ती

Rata Tata and Shantnu Naidu : रतन टाटा बुधवार रात दुनिया को अलविदा कह गए। रतन टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। मुंबई में अंतिम दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे हैं। हर कोई अपने-अपने तरीके से टाटा को याद कर रहा है। रतन टाटा के सबसे करीबी माने वाले शख्स ने भावुक पोस्ट लिखा है। बताया जाता है कि अंतिम दिनों में रतन टाटा के सबसे करीब शांतनु नायडू थे, जिनपर वह भरोसा करते थे।

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बिजनेस, राजनीति, प्रशासन, खेल-कूद, बॉलीवुड समेत तमाम क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी है, हर कोई उनके निधन पर दुःख व्यक्त कर रहा है लेकिन वे लोग भी बहुत दुखी हैं जो रतन टाटा के करीबी थे। शांतनु नायडू की गिनती उन लोगों में होती है जो रतन टाटा के सबसे करीबी हैं। शांतनु नायडू ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट शेयर किया है।

रतन टाटा के साथ अपनी फोटो शेयर करते हुए शांतनु ने लिखा, "इस दोस्ती ने अब मेरे अंदर जो खालीपन पैदा कर दिया है, मैं उसे भरने की कोशिश में अपनी पूरी जिंदगी बिता दूंगा। प्यार के लिए दुख ही कीमत है। अलविदा, मेरे प्यारे चिराग)।"

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कौन हैं शांतनु नायडू?

शांतनु नायडू, रतन टाटा से लगभग 55 साल छोटे हैं लेकिन सबसे अच्छे दोस्त माने जाते हैं। दोनों के करीब आने के पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा है। शांतनु के साथ रतन टाटा का पारिवारिक रिश्ता नहीं था बल्कि शांतनु के काम से रतन टाटा बेहद प्रभावित हुए थे और खुद फोन कर बातचीत की थी। इसके बाद से ही दोनों के बीच दोस्ती हुई और दोनों साथ मिलकर काम करने लगे। रिपोर्ट्स की मानें तो शांतनु रतन टाटा को बिजनेस आइडिया और टिप्स देते थे।

शांतनु का जन्म 1993 में पुणे महाराष्ट्र में हुआ था। वे एक बिजनेसमैन, इंजीनियर, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर समेत लेखक भी हैं। लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, शांतनु 2017 से टाटा ट्रस्ट के साथ काम कर रहे हैं। शांतनु 2016 में अमेरिका में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से MBA करने के बाद टाटा ट्रस्ट जुड़े।

क्यों हुई रतन टाटा और शांतनु की दोस्ती?

रतन टाटा जानवरों के प्रति विनम्र थे। शांतनु भी स्ट्रीट डॉग्स के लिए काम करते थे। शांतनु मुंबई की सड़कों पर घूमने वाले कुत्तों के गले में रिफ्लेक्टर लगाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने अपने स्तर पर खूब काम किया। बताया जाता है कि करीब 500 कुत्तों को उन्होंने रिफ्लेक्टर पहनाया था। किसी दिन उनकी पोस्ट वायरल हुई और इसकी जानकारी रतन टाटा को हुई। रतन टाटा ने खुद शांतनु को फोन किया, बात हुई और मीटिंग हुई। इसके बाद शांतनु टाटा ग्रुप से जुड़ गए। फिलहाल टाटा के लगभग हर ऑफिस में स्ट्रीट डॉग्स के लिए व्यवस्थाएं हैं। मुंबई में टाटा की तरफ से स्माल एनिमल हॉस्पिटल मुंबई की शुरुआत हुई, जिसके डायरेक्टर शांतनु हैं।

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