इतने सरल थे टाटा, सुरक्षा के लिए कार के आगे लगी SPG की गाड़ी तो हो गए बेचैन, हटवाकर ही लिया दम
Ratan Tata Memories : भारत के अनमोल रत्न कहे जाने वाले रतन टाटा के दुनिया से जाने पर शोक की लहर है। हर कोई उन्हें याद कर रहा है। जिन्हें रतन टाटा से मिलने का मौका मिला या समय बिता चुके हैं, वे लोग अपने किस्से साझा कर रहे हैं। पूर्व IPS अधिकारी और उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री असीम अरुण ने अपना और रतन टाटा के बीच मुलाकात और बातचीत का एक मजेदार किस्सा शेयर किया है। इसी से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह कितने साधारण थे।
असीम अरुण ने बताया, "वाक्या 2007 या 2008 का होगा, जब मैं एसपीजी में प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा में था। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) का ध्येय वाक्य है, ‘जीरो एरर’ यानि ‘त्रुटि शून्य’ और एसपीजी में इसके लिए हमेशा विचार मंथन और उस पर कार्रवाई चलती भी रहती है। इसी को लेकर लेक्चर आयोजित किया गया जिसमें श्री रतन टाटा जी को वक्ता के रुप में आमंत्रित किया गया था।"
50 साल पुरानी मर्सिडीज और साथ में केवल ड्राइवर
असीम अरुण ने बताया कि रतन टाटा को एस्कार्ट करने के लिए मैं ताज मान सिंह होटल, नई दिल्ली पहुंच गया। यहां पता चला कि टाटा जी जब भी दिल्ली में होते हैं तो यहीं रुकते हैं। प्रेसिडेंशियल सुइट में नहीं, बल्कि एक सामान्य कमरे में। जब उन्हें लेकर निकलने लगा तो उन्होंने मुझे अपनी गाड़ी में ही बिठा लिया और यहां शुरु हुआ मेरे जीवन का एक सुंदर पन्ना। करीब 50 साल पुरानी मर्सिडीज और केवल ड्राइवर, ऐसे चलते थे वे।
जब रतन टाटा जी ने एसपीजी को सिखाया था उत्कृष्टता का नुस्खा…
वाक्या 2007 या 2008 का होगा, जब मैं एसपीजी में प्रधानमंत्री जी की सुरक्षा में था। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) का ध्येय वाक्य है, ‘जीरो एरर’ यानि ‘त्रुटी शून्य’ और एसपीजी में इसके लिए हमेशा विचार मंथन और उस पर… pic.twitter.com/cIq82jK252
— Asim Arun (@asim_arun) October 10, 2024
जब सुरक्षा में लगी गाड़ी देख परेशान हुए रतन टाटा
पूर्व IPS ने आगे लिखा कि मैंने पूछा कि सर आपके साथ कोई सुरक्षा क्यों नहीं है? इस पर सहजता से बोले कि मुझे भला किससे खतरा हो सकता है? उन्होंने यह भी कहा कि कभी हेल्पर की भी जरूरत महसूस नहीं हुई। असीम अरुण ने बताया कि रतन टाटा की गाड़ी के आगे एसपीजी की टाटा सफारी पायलट के लिए लगी थी। जब रतन टाटा का ध्यान इस गाड़ी पर गया तो बहुत असहज हो गए और बोले इसे हटवा दीजिए। जब तक पायलट गाड़ी हटा नहीं ली गई, तब वह चैन से नहीं बैठे। असीम अरुण ने ये अनुभव शेयर कर बताया कि वह कितने साधारण थे।
यह भी पढ़ें : जवानी में कैसे दिखते थे रतन टाटा? देखें बिजनेस टायकून की 10 दुर्लभ तस्वीरें
बता दें कि रतन टाटा अपने सहजता, सरलता को लेकर खूब चर्चित थी। वह बेहद साधारण जिंदगी जीते थे। मुंबई के कोलाबा स्थिति उनका घर बेहद साधारण है। अब 86 साल की उम्र में उनका निधन हुआ तो लोग इसे एक युग का अंत बता रहे हैं।