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2 साल के बच्चे ने कर दिया कमाल, बनाया अनोखा रिकॉर्ड; टैलेंट जान मुरीद हो जाएंगे आप

India Book of Records : रूपरीत के पिता त्रिपुरा स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट और मां एक स्वास्थ्यकर्मी हैं। रूपरीत दास की उम्र महज 2 साल है इसके बावजूद वह देश के कई राज्यों की पहचान आसानी से कर लेता है। वह अभी ठीक से बोल भी नहीं पाता लेकिन इस प्रतिभा के कारण वह प्रसिद्द हो रहा है।
06:19 PM Mar 28, 2024 IST | Avinash Tiwari
2 साल के बच्चे ने कर दिया कमाल  बनाया अनोखा रिकॉर्ड  टैलेंट जान मुरीद हो जाएंगे आप

India Book of records : 2 साल की उम्र में बच्चे ठीक से बोलना और चलना भी नहीं सीख पाते लेकिन एक 24 महीने के बच्चे ने कमाल कर दिया है। इस बच्चे के नाम पर रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। बच्चे की काबिलियत जानकर लोग हैरानी जता रहे हैं। त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के रहने वाले दो साल के रूपरीत दास का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के इतिहास में दर्ज हो गया है।

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उम्र महज 2 साल और प्रतिभा कमाल की

2 साल का रूपरीत दास अभी ठीक से बोल नहीं पाता लेकिन भारत के 28 राज्य और उनकी राजधानियों की आसानी से पहचान लेता है। मैप पर रूपरीत दास न सिर्फ भारत के राज्यों के साथ उनकी राजधानियों, बल्कि कई देशों और उनकी राजधानियों की आसानी से पहचान कर लेता है। सबसे कम उम्र में ये अजूबा करने के बाद रूपरीत दास का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है।

मैप पर पहचान लेते हैं भारत के राज्य

रूपरीत के पिता त्रिपुरा स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट और मां एक स्वास्थ्यकर्मी हैं। पिता का नाम बप्तु चंदा और मां का नाम रुपाली दास है। रुपाली ने कहा कि एक साल की उम्र में ही रूपरीत की इस प्रतिभा के बारे में जानकारी मिल गई थी क्योंकि वह चीजों को अच्छे से याद कर लेता था। एक साल की उम्र में ही वह भारत के राज्यों की पहचान कर लेता था। इसके बाद  उन्होंने मैप पर भारत के राज्यों और उनकी राजधानियों के बारे में पढ़ाना शुरू किया।

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रूपरीत को जब भारत के राज्यों और राजधानियों की अच्छी जानकारी हो गई और कई अन्य देशों को पहचानने लगे तो मां ने उनके नाम को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज कराने का फैसला किया। सफलतापूर्व रूपरीत ने अपना नाम इस रिकॉर्ड में दर्ज करवा लिया है। इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स प्रबंधन ने उन्हें सर्टिफिकेट और मेडल से सम्मानित किया है।

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इसके साथ ही केरल की रहने वाली हव्वा बिंथ नादिल का भी नाम आईबीआर में दर्ज हो चुका है। कन्नूर जिले की हव्वा बिंथ नादिल का जन्म 24 मार्च, 2020 को हुआ था। हव्वा बिंथ नादिल ने 8 ग्रहों, केरल के 14 जिलों, 4 मौसमों, साल के महीनों और सप्ताह के दिनों के नाम सुनाने के बाद यह खिताब मिला। जब हव्वा बिंथ नादिल ने रिकॉर्ड बनाया तो उसकी उम्र महज 3 वर्ष 11 माह थी। इसके साथ हव्वा बिंथ नादिल ने 12 रंग, 24 क्रियाएं, 16 देशों के झंडे, 18 वाहन, अंग्रेजी वर्णमाला के अक्षर, 20 फल, 10 राष्ट्रीय प्रतीक, 9 सब्जियां, 10 प्रसिद्ध व्यक्तित्वों की पहचान करना तथा 1 से 20 तक गिनती कर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करवाया।

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