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IAS अधिकारी वरुण बरनवाल कौन? साइकिल मैकेनिक का किया काम, पढ़ाई छोड़ी...फिर बने IAS

IAS Varun Baranwal: अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, वरुण ने शुरू में मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेकर चिकित्सा के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने का फैसला किया।
05:00 PM Oct 20, 2024 IST | Amit Kasana
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IAS Varun Baranwal

Who is IAS Varun Baranwal: कुछ लोगों की सफलता की कहानी मिसाल बन जाती है। ऐसे ही एक आईएएस अधिकारी हैं वरुण बरनवाल। वरुण कभी साइकिल मैकेनिक थे, पिता की मौत हुई तो उन्हें अपनी पढ़ाई तक छोड़नी पड़ी। लेकिन धीरे-धीरे वह अपने लक्ष्य की तरफ कदम बढ़ाते रहे और फिर यूपीएससी एग्जाम पास कर आईएएस बने हैं।

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आइए आपको आज इन्हीं प्रेरणदायी व्यक्तित्व के बारे में बताते हैं। वरुण का जन्म महाराष्ट्र के छोटे से जिले पालघर में हुआ था और वह बोइसर के रहने वाले हैं। उनके पिता घर के पास ही साइकिल मैकेनिक का काम करते थे और कम आमदनी के चलते बड़ी मुश्किलों से उनका घर चलता था।

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पिता के देहांत के बाद दुकान पर काम किया

वरुण का रुझान शुरू से ही पढ़ाई की तरफ था, वह स्कूल के बाद अपने पिता की दुकान पर उनकी मदद करते और वहां उन्होंने साइकिल रिपेयरिंग का काम सीखा था। 2006 में अचानक उनके पिता का निधन हो गया। इसके बाद घर चलाने के लिए वरुण दुकान पर बैठने लगे और उनकी पढ़ाई बाधित हुई।

किताब के पैसे नहीं थे, पिता के दोस्त ने की मदद 

लेकिन दुकान के बाद रात में जब भी उन्हें समय मिलता वह पाठ्यक्रम की किताबें पढ़ा करते थे। एक दिन वरुण को डॉ. काम्पली मिले, जो उनके पिता के दोस्त थे। उन्होंने देखा कि वरुण ने 10वीं कक्षा में अपने स्कूल में टॉप किया है। डॉ. काम्पली ने न केवल वरुण की शुरुआती कॉलेज फीस में मदद करके बल्कि बाद में आईएएस की पढ़ाई करने की उनकी आकांक्षाओं का समर्थन करके भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इंजीनियर बन की नौकरी

अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, वरुण ने शुरू में मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेकर चिकित्सा के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने का फैसला किया। हालांकि, उन्हें जल्द ही अहसास हुआ कि मेडिकल शिक्षा में काफी पैसे खर्च होंगे। इसके बाद वह इंजीनियरिंग करने एमआईटी कॉलेज पूणे चले गए। इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी करने के बाद उन्होंने एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में नौकरी की और अपनी पढ़ाई जारी रखी। फिर यूपीएससी में ऑल इंडिया रैंक (AIR) में 32वीं रैंक हासिल कर IAS अधिकारी बने।

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