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मां ने घोंटा ममता का गला! भाई संग रची बेटे-बहू को मारने की साजिश; आगरा मर्डर केस में चौंकाने वाला खुलासा

Agra Couple Murder Case Latest Update: बुधवार की सुबह पुलिस को हाईवे के पास खड़ी कार में पति और पत्नी की लाश मिली थी। इस घटना से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी। वहीं अब इस मर्डर केस की गुत्थी सुलझ चुकी है।
01:29 PM Nov 01, 2024 IST | Sakshi Pandey
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Agra Double Murder Case Latest Update: बच्चे चाहे जितने नालायक हों, पर मां कभी कुमाता नहीं होती... बचपन से हम सुनते आए हैं। मगर करौली में हुए डबल मर्डर केस के खुलासे ने इन लाइनों को गलत साबित कर दिया है। बेटे और बहू कार से मंदिर दर्शन करने गए, जहां गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड की साजिश किसी और ने नहीं बल्कि खुद मृतक की मां और मामा ने रची थी। सच जानकर पुलिस के भी पैरों तले से जमीन खिसक गई है। आइए जानते हैं कि आखिर पूरा मामला क्या है?

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कार में मिला पति-पत्नी का शव

यह घटना दिवाली से एक दिन पहले बुधवार की है। आगरा के अछनेरा गांव में रहने वाले विकास सिसोदिया अपनी पत्नी दीक्षा के साथ कैला देवी मंदिर के दर्शन करने निकले थे। विकास के मामा का कर्मचारी चमन खान कार ड्राइव कर रहा था। दर्शन से लौटते समय रास्ते में कपल को गोली मार दी गई। बुधवार की सुबह दोनों का शव कार से बरामद किया गया। शुरुआती जांच में जब इस हत्याकांड की परतें खुलीं, तो हर कोई हैरान रह गया।

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सीसीटीवी ने खोली पोल

पुलिस ने मंदिर का सीसीटीवी फुटेज चेक किया, जिसमें विकास और दीक्षा के साथ चमन खान भी नजर आ रहा था। पुलिस ने चमन को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की और उसने सारा सच कबूल कर लिया। चमन खान ने पुलिस को बताया कि विकास और दीक्षा को मरवाने में उसकी मां ललिता और मामा रामबरण का हाथ है। अब सवाल यह है कि मां और मामा ने आखिर ऐसा क्यों किया?

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आखिर क्यों कातिल बनी मां?

करौल के एसपी ब्रजेश ज्योति उपाध्याय का कहना है कि ललिता को बहू और बेटे पर शक था कि उनका किसी दूसरे से प्रेम प्रसंग चल रहा है। ऐसे में ललिता को लगा कि अगर यह बात सामने आई तो समाज में परिवार की बहुत बेज्जती होगी। ऐसे में ललिता ने भाई रामबरण से मदद मांगी। दोनों पिछले 2 महीने के बेटे-बहू को मारने की प्लानिंग कर रहे थे। इसके लिए रामबरण ने 1 महीने पहले की कार और पिस्टल खरीदी थी।

2 महीने से चल रही थी मर्डर की प्लानिंग

पुलिस के अनुसार मंगलवार को रामबरण ने अपने विश्वासपात्र कर्मचारी चमन खान को कार लेकर विकास के पास भेजा और उन्हें मंदिर दर्शन करने के लिए चलने को कहा। विकास और दीक्षा फौरन राजी हो गए। मंदिर से लौटते समय चमन ने सूनसान सड़क देखकर गाड़ी रोकी और रामबरण भी वहां पहुंच गया। रामबरण ने दोनों को गोली मार दी। उन्होंने कार को एक्सीडेंट का रूप देने की कोशिश की, लेकिन उनकी कोशिश नाकाम साबित हो गई।

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