Mubarak Manzil: 'पॉलिटिकल कॉन्टेक्ट' के सहारे बिल्डर ने गिराई ऐतिहासिक इमारत, SDM कर रहे मामले की जांच
Mubarak Manzil : यमुना के किनारे स्थित मुबारक मंजिल को बीते शुक्रवार को ध्वस्त कर दिया गया। बता दें कि इसे 'औरंगजेब की हवेली' के नाम से भी जाना जाता है। बताया जा रहा है कि आगरा के एक बिल्डर ने अपने 'पॉलिटिकल कॉन्टेक्ट' की मदद से इस इमारत को ध्वस्त किया था। हालांकि डीएम के आदेश के बाद इस काम को रोक दिया गया। बता दें कि राजस्व विभाग के अधिकारियों ने इसके लिए जांच भी शुरू कर दी है।
SAM ने किया लोकेशन का दौरा
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि आगरा के निवासियों और इतिहासकारों ने इसे चौंकाने वाली घटना बताई है। SAM, राज्य पुरातत्व विभाग और पुलिस के अधिकारियों के साथ एसडीएम सचिन राजपूत के नेतृत्व में एक टीम ने भी शुक्रवार को साइट का दौरा किया। आगरा के डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने मीडिया को बताया कि पूरे मामले की विस्तार से जांच की जा रही है। अधिकारियों ने निरीक्षण किया है और जल्द ही निष्कर्षों पर एक रिपोर्ट पेश करेंगे।
जांच के दौरान संपत्ति पर कब्जा करने वाले पक्षों के दावों की पुष्टि की जाएगी। स्थानीय लोगों ने दावा किया कि बिल्डर ने सदियों पुरानी संरचना को गिराने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया था। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें राजनीतिक सपोर्ट मिला था। हालांकि अब वह बिल्डर भाग गया है।
पूर्व प्रधानमंत्री ने दी प्रतिक्रिया
हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को एक मीडिया रिपोर्ट को शेयर करते हुए कहा कि अगर ASI नहीं जागा, तो इसे चलाने वाले लोग इसकी प्रतिष्ठा को भी धूमिल कर देंगे। सितंबर 2024 में, राज्य पुरातत्व विभाग ने एक नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसमें एक महीने के भीतर साइट को संरक्षित स्मारक घोषित कर दिया गया। दो सप्ताह पहले, लखनऊ के अधिकारियों ने साइट का दौरा किया, जिसके तुरंत बाद ही तोड़फोड़ शुरू हो गई, जिससे ऐतिहासिक हवेली खंडहर में तब्दील हो गई।
स्थानीय निवासी कपिल वाजपेयी ने बताया कि लगभग 70% संरचना पहले ही नष्ट हो चुकी है। मैंने अधिकारियों के पास कई शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। बिल्डर ने पुलिस और अधिकारियों की मिलीभगत से 20,000 वर्ग फीट ऐतिहासिक भूमि हड़पने के लिए विध्वंस किया।
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