श्रीराम के मंदिर की छत से पानी टपकने पर चंपत राय ने तोड़ी चुप्पी, ये तथ्य रखे सामने
Champat Rai Statement On Ayodhya Ram Mandir : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित श्रीराम मंदिर की छत से पानी टपकने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने पानी टपकने की बात कही थी। इस मामले में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बुधवार को चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि गर्भगृह में जहां भगवान रामलला विराजमान है, वहां एक भी बूंद पानी छत से नहीं टपका है और न ही कहीं से पानी गर्भगृह में प्रवेश हुआ है।
गर्भगृह की छत नहीं टपकता है पानी : चंपत राय
चंपत राय ने एक्स पर पोस्ट कर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में बरसात के दौरान छत से पानी टपकने के मामले में कुछ तथ्य रखे। उन्होंने कहा कि पहली बात तो यह है कि न तो रामलला के गर्भगृह की छत से एक बूंद पानी टपका और न ही मंदिर के अंदर पानी प्रवेश किया। दूसरा यह कि गर्भगृह के आगे पूर्व दिशा में मंडप है, जिसे गूढ़ मंडप कहा जाता है, वहां मंदिर के दूसरे फ्लोर की छत का कार्य होने के बाद जमीन से करीब 60 फीट ऊपर घुम्मट जुड़ेगा और मंडप की छत बंद हो जाएगी।
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सेकंड फ्लोर पर चल रहा पिलर का काम
उन्होंने आगे कहा कि जिसको अस्थायी रूप से फर्स्ट फ्लोर पर ही ढककर दर्शन कराए जा रहे हैं और सेकंड फ्लोर पर पिलर के निर्माण का कार्य चल रहा है। रंग मंडप और गूढ़ मंडप के बीच उत्तर एवं दक्षिण दिशा में ऊपरी तलों पर जाने की सीढ़ियां हैं, जिनकी छत भी सेकंड फ्लोर की छत के ऊपर जाकर ढंकेगी।
ऐसे जमीन पर गिराया जा रहा बारिश का पानी
चंपत राय ने आगे कहा कि सामान्यता पत्थरों से बनने वाले मंदिर में बिजली के कन्ड्यूट एवं जंक्शन बॉक्स का कार्य पत्थर की छत के ऊपर होता और कन्ड्यूट को छत में छेद करके नीचे उतारा जाता है, जिससे मंदिर के भूतल की छत की लाइटिंग होती है। चूंकि, फर्स्ट फ्लोर पर बिजली, वाटर प्रूफिंग एवं फ्लोरिंग का कार्य चल रहा है। अत: सभी जंक्शन बॉक्सेज में पानी प्रवेश कराके वही पानी कन्ड्यूट के सहारे भूतल पर गिराया जा रहा है।
देखने में लगता है कि छत से पानी टपक रहा : चंपत राय
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव ने आगे कहा कि ऊपर देखने पर ऐसे लगता है कि छत से पानी टपक रहा है, जबकि असल में कन्ड्यूट पाइप के सहारे पानी जमीन पर आ रहा है। जल्द ही सभी कार्य पूरे हो जाएंगे। उसके बाद फर्स्ट फ्लोर की फ्लोरिंग वाटर टाइट हो जाएगी और किसी भी जंक्शन से पानी का प्रवेश नहीं होगा।
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रोजाना एक लाख से ज्यादा भक्त करते हैं दर्शन
उन्होंने आगे कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद लगभग एक लाख से ज्यादा भक्त रोजाना रामलला के बाल रूप के दर्शन कर रहे हैं। सुबह 6.30 बजे से लेकर रात 9.30 बजे तक दर्शन के लिए प्रवेश होता है। किसी भी भक्त को अधिक से अधिक एक घंटा दर्शन के लिए प्रवेश, पैदल चलकर दर्शन करना, बाहर निकल कर प्रसाद लेने में लगता है। मंदिर में मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है।