आजम खान के नाम से इतनी दहशत क्यों? कब-कब गए जेल और कब मिली कोर्ट से राहत?
UP Former Cabinet Minister Azam Khan: यूपी की सियासत में बड़ा नाम रहे आजम खान की एक समय में तूती बोलती थी। कहा जाता है कि उनको अगर कहीं जाना होता था, तो रातोंरात सड़कें बन जाया करती थी। सपा सरकार में हर फैसला उनसे पूछकर होता था। लेकिन भाजपा की सरकार बनने के बाद उनके ऊपर कानूनी शिकंजा सका। अब वरिष्ठ नेता आजम खान को लंबे समय बाद इलाहाबाद हाई कोर्ट से राहत मिली है। उनकी 7 साल की सजा पर रोक लग गई है। लेकिन उनकी पत्नी और बेटे की सजाओं पर रोक नहीं लग पाई है। कोर्ट ने दोनों की अर्जियों को मंजूर नहीं किया है।
हालांकि तंजीन फातिमा और अब्दुल्ला आजम की बेल को मंजूर कर लिया गया है। इससे पहले रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने डूंगरपुर के एक मामले में यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री को 7 साल की सजा सुनाई थी। आजम खान को कोर्ट ने 8 लाख रुपये जुर्माना देने का भी आदेश दिया था। तभी से आजम सीतापुर जेल में बंद थे। आजम खान के अलावा मामले में हसन, अजहर अहमद खान और बरकत अली को भी 5 साल जेल की सजा कोर्ट ने दी थी।
तीनों को साढ़े 3-3 लाख रुपये जुर्माना देने के आदेश दिए गए थे। इस मामले में सभी लोगों के खिलाफ 2019 में गंज पुलिस स्टेशन में केस रजिस्टर किया गया था। वारदात 3 फरवरी 2016 को हुई थी। जब सभी के खिलाफ घर में आकर तोड़फोड़ करने, गालीगलौज, लूट, जान से मारने की धमकी जैसे संगीन आरोप लगे थे। मामले में कोर्ट ने इसी साल 16 मार्च को सभी को दोषी करार दिया था। आजम खान को धारा 152 के तहत सात साल की जेल और अन्य आरोपियों को कई धाराओं में सजा और जुर्माना देने के आदेश न्यायालय ने जारी किए थे।
आजम खान को हेट स्पीच में भी हो चुकी जेल
इससे पहले आजम खान को फर्जी जन्म प्रमाण पत्र देने के मामले में दोषी ठहराकर न्यायालय ने जेल भेजा था। आरोप है कि आजम खान, उनके बेटे अब्दुल्ला आजम और पत्नी तजीन फातिमा ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र सौंपा था। जिसके बाद सभी को 7-7 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। इस मामले में बेटा अब्दुल्ला आजम हरदोई और आजम की पत्नी रामपुर जेल में बंद हैं। आजम खान को इससे पहले हेट स्पीच केस में भी दो साल की सजा हो चुकी है। आजम खान के खिलाफ फिलहाल 90 मामले चल रहे हैं।
आजम खान 9 बार रामपुर से विधानसभा सदस्य रह चुके हैं। उनका जन्म 14 अगस्त 1948 रामपुर में हुआ था। 76 साल के आजम पहली बार 1993 में रामपुर से विधायक बने थे। 2019 में जया प्रदा के खिलाफ उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी सामने आई थी।