मिल्कीपुर विधानसभा सीट 'जीत' कर अयोध्या लोकसभा 'हार' का सियासी जवाब देना चाहती है BJP
अशोक कुमार तिवारी, अयोध्या
उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव प्रस्तावित है यहां तारीखों का ऐलान नही हुआ है लेकिन विभिन्न राजनीतिक पार्टियों में जोर आजमाइश शुरू हो गई है। खास तौर पर अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर राजनीति गर्म है। बता दें बीते लोकसभा चुनाव में सपा गठबंधन ने अयोध्या लोकसभा सीट पर बीजेपी को हराकर ये सियासी मैसेज देने की कोशिश की है की जिस अयोध्या और राम मंदिर के मुद्दे पर बीजेपी चुनाव लड़ी उसी जगह बीजेपी हार गई।
लोकसभा चुनाव 2024 में सपा के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने बीजेपी के सिटिंग सांसद लल्लू लाल को चुनाव हराया था। अयोध्या की हार बीजेपी के लिए किसी बड़ी पटखनी से कम नहीं थी।अब मिल्कीपुर सीट से सपा विधायक रहे अवधेश प्रसाद सांसद बन चुके है लिहाजा इस सीट पर उपचुनाव होना है। ऐसे में बीजेपी किसी भी कीमत पर इस सीट को जीतना चाहती है।
योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर में खुल संभाला मोर्चा
सपा ने इस सीट पर अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को सपा का उम्मीदवार बनाया है बीजेपी ने अभी तक उम्मीदवार का ऐलान नही किया है। लेकिन बीजेपी यहां पूरी ताकत लगा रही है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर सीट पर जीत का जिम्मा लिया है , बता दें सीएम लगातार अयोध्या का दौरा कर रहे हैं, बीजे दिनों यहां कई सरकारी योजनाओं का ऐलान भी कर चुके हैं।
सीट का सियासी समीकरण
अवधेश प्रसाद 2022 में मिल्कीपुर सीट से विधायक बने थे। इसके बाद 2024 लोकसभा चुनाव में सपा ने पीडीए रणनीति के तहत अवधेश प्रसाद को फैजाबाद लोकसभा सीट पर टिकट दिया। अवधेश प्रसाद ने दो बार के सांसद लल्लू सिंह को चुनाव में हरा दिया था। बता दें अवधेश प्रसाद को 5,54289 वोट मिले और लल्लू सिंह को 4,99722 वोट मिले थे।
क्या है सियासी समीकरण?
अब अगर यहां जातीय समीकरण पर नजर डाली जाए तो यहां सबसे ज्यादा 65000 यादव,60000 पासी और गैर पासी दलित 50- 50 हजार ब्राह्मण, 35000 मुसलमान, 25000 ठाकुर, मौर्या 8000, चौरसिया 15000 और 8000 पाल समाज के लोग है। मिल्कीपुर सीट पर सुरक्षित सीट पर दो बार सपा और एक बार बीजेपी जीत चुकी है। बता दें 2017 में बीजेपी से गोरखनाथ बाबा चुनाव जीते थे।