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कैसरगंज सीट पर अभी तक क्यों नहीं उम्मीदवार तय कर पाई BJP? किसके नाम पर चल रही चर्चा

UP Lok Sabha Election 2024 : देश में लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज गया है। राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारी तेज कर दी है। इस बीच उत्तर प्रदेश की हॉट सीट कैसरगंज को लेकर पेंच फंसा है। किसी भी दल ने इस सीट से अपने उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला?
07:00 AM Apr 11, 2024 IST | Deepak Pandey
कैसरगंज सीट पर अभी तक क्यों नहीं उम्मीदवार तय कर पाई bjp  किसके नाम पर चल रही चर्चा
कैसरगंज सीट पर क्यों नहीं उम्मीदवार तय कर पा रही भाजपा?

UP Lok Sabha Election 2024 : देश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं। राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। एनडीए के तहत भाजपा के खाते में यूपी की 74 सीटें आई हैं, जबकि सहयोगी दलों को 6 सीटें मिली हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 69 सीटों पर उम्मीदवार उतार दिए हैं। सिर्फ 5 सीटें ऐसी बची हैं, जहां भाजपा को उम्मीदवारों के नामों का ऐलान करना है। इन पांच सीटों में एक सीट कैसरगंज भी है, जहां पर भाजपा उम्मीदवार तय नहीं कर पा रही है। आइए जानते हैं कि कैसरगंज में क्या पेंच फंसा है?

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जाट समुदाय को नाराज नहीं करना चाहती है बीजेपी

भाजपा ने कैसरगंज, रायबरेली, फिरोजाबाद, देवरिया और भदोही सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारे हैं। यूपी की हाई प्रोफाइल सीट में शुमार कैसरगंज सीट पर भाजपा का कब्जा है। यहां से बृजभूषण शरण सिंह सांसद हैं। महिला पहलवानों ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इसे लेकर पहलवानों ने दिल्ली में धरना प्रदर्शन भी किया था। ऐसे में अगर भाजपा बृजभूषण शरण सिंह को टिकट देती है तो हरियाणा में जाट समुदाय नाराज हो जाएगा। इससे पार्टी को हरियाणा में चुनावी नुकसान झेलना पड़ सकता है। साथ ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट समाज के लोग नाखुश हो जाएंगे। पहले चरण में होने वाले मतदान में पश्चिमी यूपी की सीटों पर पार्टी शिकस्त खा सकती है।

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चुनाव लड़ने पर अड़े बृजभूषण शरण सिंह 

भारतीय जनता पार्टी कैसरगंज सीट को लेकर फूंक-फूंक कदम उठा रही है। इस वक्त पार्टी कोई भी रिस्क लेने के मूड में नहीं है। इस सीट पर पांचवें चरण में 20 मई को मतदान होगा। हालांकि, बृजभूषण शरण सिंह भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। वे क्षेत्र में चुनाव प्रचार में जुट गए हैं। वे कैसरगंज सीट से 2009 से लगातार सांसद हैं। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने भी अभीतक उम्मीदवार नहीं उतारा है।

बृजभूषण का टिकट काटना बीजेपी के लिए आसान नहीं

कैसरगंज से बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काटना भाजपा के लिए आसान नहीं है। अगर भाजपा इस सीट से किसी दूसरे उम्मीदवार को मैदान में उतारती है तो पार्टी से राजपूत समुदाय नाराज हो जाएगा, जिससे बीजेपी को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि अगर बीजेपी ने बृजभूषण शरण सिंह को टिकट नहीं दिया तो सपा उन्हें अपनी पार्टी से उम्मीदवार बना सकती है। ऐसे में विपक्ष अब भाजपा की अगली चाल का इंतजार कर रहा है।

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कैसरगंज से ये हो सकते हैं भाजपा उम्मीदवार

अगर कैसरगंज सीट से सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट कटा तो भाजपा मोटिवेशनल गुरु अवध ओझा को चुनावी मैदान में उतार सकती है। अवध ओझा यूपीएससी की तैयारी कर रहे स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं। साथ ही उम्मीदवार की रेस में बृजभषण सिंह के बेटे और विधायक प्रतीक भूषण का नाम भी है। बृजभूषण के करीबी और विधायक अजय कुमार सिंह और प्रेम नारायण पांडेय को टिकट मिलने की चर्चा चल रही है।

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