पहली बाजी CM योगी के नाम! उपचुनाव बाद सरकार और संगठन में बदलाव तय, केशव मौर्या पर निगाहें
Yogi Adityanath Cabinet: यूपी बीजेपी में केशव प्रसाद मौर्या ने सरकार और संगठन के नाम पर मोर्चा तो खोल दिया, लेकिन पहली बाजी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मार ले गए। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक यूपी में सीएम को लेकर कोई मंथन नहीं हुआ है। यूपी प्रदेश संगठन में बड़ा बदलाव संभव है। इसके साथ ही योगी मंत्रिमंडल में भी बदलाव हो सकता है। मंत्रिमंडल और सरकार में बदलाव का ये फैसला यूपी विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद होगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक उपचुनाव में कम से कम सात सीटें कैसे जीती जा सकती है। इसको लेकर भी मंथन हुआ है।
बता दें कि बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व अलग-अलग नेताओं से मिलकर लोकसभा चुनाव के दौरान उत्तर प्रदेश में पार्टी के खराब प्रदर्शन पर फीडबैक ले रहा है। इसी कड़ी में केंद्रीय नेतृत्व ने केशव मौर्य और यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के साथ मुलाकात करके फीडबैक लिया है। दोनों नेताओं ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ हुई अलग-अलग मुलाकात में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और प्रशासन के रवैये को लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया।
बीजेपी की समीक्षा रिपोर्ट में भी हार का ठीकरा प्रशासन के सिर फोड़ा गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 'प्रशासन की कार्यशैली से कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हुई और इसके चलते चुनाव में कार्यकर्ता सक्रिय नहीं दिखे। साथ ही प्रशासन ने बीजेपी मतदाताओं के नाम भी वोटर लिस्ट से काटे हैं।' रिपोर्ट के मुताबिक चुनाव में प्रशासन ने कोई मदद नहीं की और पार्टी के खिलाफ काम किया। एक खास पैटर्न पर बीजेपी का वोट हर सीट पर कम किया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व जल्दी ही अन्य नेताओं से भी अलग-अलग मुलाकात करके फीडबैक लेगा।
यूपी बीजेपी में बदलाव की ये आहट तब आ रही है जब उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कार्यसमिति की बैठक में 'सरकार से बड़ा संगठन' है कहकर प्रदेश नेतृत्व और आलाकमान को चौंका दिया है। लोकसभा चुनाव के बाद से ही यूपी बीजेपी में जुबानी जंग जारी है। केशव प्रसाद मौर्या का लगातार बयानबाजी करना आलाकमान के लिए चिंता का सबब बन गया है, क्योंकि आने वाले दिनों में यूपी में 10 सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव होंगे। और इन्हीं सीटों के परिणाम के बाद राज्य सरकार और संगठन में बदलाव की रूपरेखा तय होगी।