होमखेलवीडियोधर्म
मनोरंजन.. | मनोरंजन
टेकदेश
प्रदेश | पंजाबहिमाचलहरियाणाराजस्थानमुंबईमध्य प्रदेशबिहारउत्तर प्रदेश / उत्तराखंडगुजरातछत्तीसगढ़दिल्लीझारखंड
धर्म/ज्योतिषऑटोट्रेंडिंगदुनियावेब स्टोरीजबिजनेसहेल्थएक्सप्लेनरफैक्ट चेक ओपिनियननॉलेजनौकरीभारत एक सोचलाइफस्टाइलशिक्षासाइंस
Advertisement

कहीं भाग न जाए बेटी, इसलिए करा दे रहे शादी! यूपी के इस जिले में तेजी से बढ़ रहे बाल विवाह के केस

Child Marriage In UP : उत्तर प्रदेश का एक जिला ऐसा है जहां हर साल बाल विवाह के मामले पहले के मुकाबले बढ़ते आ रहे हैं। जिला प्रशासन और बाल संरक्षण इकाई इसे रोकने के लिए मेहनत तो कर रही है लेकिन पूरी तरह से सफल नहीं हो पा रही है। इस रिपोर्ट में जानिए वह क्या कारण है जिसके चलते आज के जमाने में भी बाल विवाह के केस बढ़ रहे हैं।
08:57 PM Jul 11, 2024 IST | Gaurav Pandey
Representative Image (Pixabay)
Advertisement

उत्तर प्रदेश में एक जिला है सोनभद्र जिसे भारत की एनर्जी कैपिटल भी कहा जाता है। लेकिन, आज कल यह जिला एक अलग और बेहद गलत वजह के चलते चर्चा में आया है। दरअसल, यहां बाल विवाह के मामले इस समय तेजी से बढ़ रहे हैं। लोग अपने बेटियों की शादी नाबालिग अवस्था में ही कर दे रहे हैं। जबकि बाल विवाह समाज के लिए एक कुप्रथा है। अप्रैल 2024 से अबतक 20 ऐसे शादियों को जिला बाल संरक्षण ईकाई की टीम ने पहुंचकर रूकवाया है। हालांकि, ऐसा वह किसी दबाव में नहीं बल्कि मजबूरी वश करते हैं।

Advertisement

सोनभद्र एक आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जहां बाल विवाह प्रथा आज भी है। यहां के आदिवासी लोग अपनी बहन-बेटियों की शादी नाबालिग रहते हुए ही कर देते हैं। ऐसा वह समाज में बदनामी के डर से करते हैं। दरअसल आदिवासी समाज में यह देखा जा रहा है कि 15 से 17 वर्ष की उम्र के आसपास की लड़कियां दूसरे युवकों के साथ भाग जा रही हैं। इससे समाज में उनके परिवार वालों की बेइज्जती हो रही है। इसी बदनामी के डर की वजह से वे लोग कम उम्र में ही लड़कियों की शादी कर दे रहे हैं। हाल के दिनों में ऐसे मामले बढ़े हैं।

क्यों बढ़ रहा है बाल विवाह?

बाल विवाह बढ़ने में जागरूकता और शिक्षा की कमी साफ देखी जा सकती है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी समाज निवास करता है। दुरूह क्षेत्रों में जागरूकता और शिक्षा का प्रचार प्रसार कम है। यहां के दुद्धी क्षेत्र निवासी एक युवक का कहना है कि उनकी बहन का दूसरे युवक से प्रेम प्रसंग था इसलिए हम लोग उसका विवाह कर रहे थे। लेकिन, सूचना पर पहुंची बाल संरक्षण इकाई की टीम ने न सिर्फ विवाह को रुकवाया बल्कि लड़की को नारी निकेतन भेज दिया। प्रशासन का कहना है कि इसे लेकर सख्त रुख अपनाया जा रहा है।

Advertisement

हर साल बढ़ते जा रहे मामले

बता दें कि साल 2021 में विभाग के सामने बाल विवाह के 7 मामले आए थे। एक साल बाद यानी 2022 में ऐसे मामलों की संख्या 15 हो गई। वहीं, साल 2023 में बाल विवाह के 38 मामले सामने आए थे। प्रशासन के अनुसार इस तरह की घटना की जानकारी मिलने पर विवाह रुकवाया जाता है और नाबालिग लड़की को नारी निकेतन भेज दिया जाता है। बाद में बाल संरक्षण इकाई उसके परिवार के साथ काउंसिलिंग करती है और सब ठीक होने पर लड़की को उसके परिवार वालों को सौंप देती है। इसे रोकने की कोशिशें की जा रही हैं।

बाल संरक्षण इकाई के अध्यक्ष अमित चंदेल बताते हैं कि बाल विवाह सामाजिक अपराध है। 21 वर्ष से कम आयु के बालक और 18 वर्ष से कम की बालिकाओं का विवाह बाल विवाह में आता है जो सामाजिक रूप से निंदनीय और कानूनी अपराध है। उन्होंने कहा कि स्पॉन्सरशिप योजना के तहत बाल विवाह से मुक्त कराए गए बालक बालिकाएं 4000 रुपये प्रति माह के लिए आवेदन कर सकते हैं। बाल विवाह का पता चलने पर लड़की को रेस्क्यू कर बालिका गृह में रखा जाता है। जांच पूरी होने पर परिवार को अपडेट कराया जाता है।

ये भी पढ़ें: नागराज करते हैं पुरी के खजाने की पहरेदारी! क्यों सपेरों को खोज रहा मंदिर प्रशासन?

ये भी पढ़ें: जितनी देर में कपड़े पहनेंगे उतने में चार्ज हो जाएगी कार! क्रांति ला सकती है नई बैटरी

ये भी पढ़ें: आंख जैसे दिखने वाले इस ग्रह पर हो सकता है जीवन! वैज्ञानिकों ने ढूंढा अनोखा प्लैनेट

ये भी पढ़ें: अगले साल होगी विनाश की शुरुआत! क्या कहती हैं Baba Vanga की भविष्यवाणियां?

Open in App
Advertisement
Tags :
child marriageJaunpurspecial-news
Advertisement
Advertisement