DSP Zia ul haq Murder Case: पत्नी ने राजा भैया के खिलाफ करवाई थी FIR, जिया के खुद बलीपुर गांव जाने की ये थी बड़ी वजह
DSP Zia ul haq Murder Case: प्रतापगढ़ के डीएसपी जिया उल हक हत्याकांड मामले में 10 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इस सजा से लोगों के जहन में 2 मार्च 2013 की वह रात याद आ गई जब जिया उल हक को बड़ी बेरहमी से पहले उग्र भीड़ ने पीटा, फिर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
डीएसपी जिया उल हक हत्याकांड मामले में बड़ा अपडेट-
•सीबीआई की विशेष अदालत ने 10 आरोपियों को सुनाई उम्र कैद की सजा!•2013 में उत्तर प्रदेश के कुंडा क्षेत्र में की गई थी जिया उल हक की हत्या! pic.twitter.com/fMA372y4gq
— Almas Haider (@AlmasHaider77) October 9, 2024
इस हत्याकांड ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में कोहराम मचा दिया था। तत्तकाीन सपा सरकार के मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया तक भी इसकी आंच पहुंची थी। दरअसल, इस हत्याकांड में कुल 4 एफआईआर दर्ज की गई थी। जिसमें से एक जिया-उल-हक की पत्नी परवीन आजाद की ओर से दर्ज कराई गई थी। लेकिन 2013 में ही इस पर सीबीआई ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की, जिसमें राजा भैया समेत 5 आरोपियों को क्लीट चिट दे दी गई थी। सीबीआई की रिपोर्ट में राजा भैया के खिलाफ मामले में कोई साक्ष्य नहीं होने की बात कही गई थी।
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घटना की रात ये हुआ था
दरअसल, गांव के प्रधान नन्हे यादव एक विवादित जमीन का मामला सुलझाने के लिए कामता पाल नाम के शख्स के घर पहुंचे थे। इस दौरान प्रधान की कुछ बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी। जिससे गुस्साए लोगों ने कामता के घर में आग लगा दी। इसके बाद तोड़फोड़ और आगजनी के बाद गुस्साए लोग बिना पोस्टमॉर्टम करवाए ही प्रधान का शव गांव ले गए। इस खबर के बाद ही जिया-उल-हक गांव में लोगों को समझाने पहुंचे थे लेकिन वहां लोगों ने उन्हें घेर लिया और उनकी हत्या कर दी।
10 दोषियों पर 15-15 हजार रुपए का जुर्माना
अब इस मामले में कोर्ट ने फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटेलाल यादव, राम आसरे,मुन्ना पटेल, शिवराम पासी, जगत बहादुर पाल उर्फ बुल्ले पाल को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सभी 10 दोषियों पर 15-15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माने की 50 फीसदी रकम को जिया उल हक की विधवा पत्नी परवीन आजाद को दी जाएगी। प्रत्येक आरोपी पर 19500 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
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