केदारनाथ जाने से पहले पढ़ लें यह खबर, प्रशासन ने यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं से की खास अपील
Uttarakhand News: (अमित रतूड़ी, केदारनाथ) उत्तराखंड में मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। जिसको देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने केदारनाथ धाम में आ रहे श्रद्धालुओं से विशेष सतर्कता बरतने के साथ ही अत्यधिक बारिश में यात्रा न करने की अपील की है। उप जिलाधिकारी ऊखीमठ अनिल कुमार शुक्ला ने केदारनाथ धाम पहुंच रहे तीर्थ यात्रियों से स्थानीय प्रशासन व मौसम विभाग से जानकारी लेने के बाद ही यात्रा शुरू करने की अपील की है। उन्होंने बताया कि श्रावण मास में हो रही अत्यधिक बारिश के कारण जगह-जगह यात्रा मार्गों पर पत्थर गिर रहे हैं। जो सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है।
केदारनाथ पैदल मार्ग के चीरबासा, गौरीकुंड व लिनचोली आदि स्थानों में पत्थर गिरने की आशंका बनी रहती है। इसके अलावा रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग के फाटा के डोलिया देवी मंदिर के समीप पत्थर गिरने की आशंका बनी रहती है। ऐसी स्थिति में उन्होंने सभी से सतर्कता बरतने की अपील की है। प्रशासन ने कहा कि हो सके तो ऐसे मौसम में यात्रा करने से बचें। साथ ही जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय से संपर्क कर यात्रा शुरू करने की अपील अधिकारियों ने की है।
— parmod chaudhary (@parmoddhukiya) July 23, 2024
आपात स्थिति में यहां करें संपर्क
विभाग की ओर से 8958757335, 01364-233727/1077, 8218326386 नंबर जारी किए गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि किसी भी आपदा की स्थिति में इन पर संपर्क किया जा सकता है। मौसम विभाग ने कुमाऊं मंडल में अधिक बारिश की आशंका जताई है। विभाग के अनुसार चंपावत, उधमसिंह नगर, नैनीताल और बागेश्वर में ज्यादा बारिश हो सकती है।
Intense rain is likely in parts of #Uttarakhand, foothills of #HimachalPradesh, West #UP some parts of North #Haryana and few parts of North #Punjab by early morning hours into afternoon.
•Isolated to scat t-storms might develop over parts of Delhi and adjoining areas.
N1/2 pic.twitter.com/4b8hkWAYVM— ThunderWild Weather (@ThunderWildWx) July 21, 2024
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वहीं, पिथौरागढ़ जनपद में भी ऐसी ही आशंका विभाग ने जताई है। गढ़वाल मंडल के उत्तरकाशी, देहरादून, पौड़ी और टिहरी में अधिक बारिश हो सकती है। बता दें कि चीरबासा के पास 21 जुलाई को पत्थर और मलबा गिरने से तीन यात्रियों की जान चली गई थी। पांच यात्रियों को चोटें लगी थीं। एक मृतक रुद्रप्रयाग और दो महाराष्ट्र के रहने वाले थे।