रोती-बिलखती माएं, हाथों में बच्चों के अधजले शव...झांसी अस्पताल में अग्निकांड की दर्दनाक आंखोंदेखी
Jhansi Hospital Fire Eye Witness Story: उत्तर प्रदेश के झांसी में बने महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रन वार्ड में बीती रात ऐसा मंजर देखने को मिला कि कलेजा फट गया। रोती बिलखती माएं, हाथ में नवजातों को लेकर भागते डॉक्टर, किसी की लाश तो किसी का अधजला शरीर...अपने जिगर के टुकड़ों की हालत देखकर माएं बेहोश तक हो गई थीं। उन बच्चों के जनक, उनके पिता समझ नहीं पा रहे थे कि क्या करें? कोई माथे पर हाथ रखकर बैठा था, किसी महिला को उसका पति पानी पिलाकर हिम्मत बंधा रहा था।
किसका बच्चा मरा, किसका बच्चा घायल, किसकी बच्चा बचा, अभी तक कुछ नहीं पता। देखते ही देखते पूरा चिल्ड्रन वार्ड जलकर राख हो गया। 10 नवजात बच्चों की लाशें बिछ गईं। इमरजेंसी वार्ड में घायल बच्चों की लाइन लग गई। जिनके बच्चे बचे, उन्हें लेकर मां-बाप दूसरे अस्पताल में भागते दिखे। एक घंटे के अंदर-अंदर बच्चों के जन्म की खुशियां मातम में बदल गईं। अग्निकांड ने पूरे शहर और सरकार को झकझोर कर रख दिया। आइए पीड़ितों की आपबीती सुनते हैं...
10 बच्चों की मौत के बाद झांसी में रोते बिलखते परिजन...बोले- मेरा बच्चा कौन देगा? https://t.co/7cdFZIGj7m pic.twitter.com/J2f1dOBu4T
— आदित्य तिवारी / Aditya Tiwari (@aditytiwarilive) November 15, 2024
पीड़ितों ने सुनाई आपबीती
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक नवजात की मां को बच्चे की हालत देखकर बेहोश हो गई। उसका पति खुद हिम्मत रखते हुए उसे पानी पिला रहा था। बच्चे की मां बार-बार यही कह रही थी कि एक बार बच्चे का चेहरा तो दिखा दो। एक महिला को उसका नाती नहीं मिला, लेकिन अधजली बच्ची मिली, जिसे लेकर वह इधर उधर दौड़ रही थी। उसने कहा कि मेरे नाती का पता नहीं, लेकिन इसे मरने नहीं दूंगी। अस्पताल लेकर जा रही हूं। एक महिला ने कहा कि हमे अंदर जाने नहीं दिया।
पता नहीं बच्चों का क्या हाल है? पूछने पर कोई कुछ नहीं बता रहा। डॉक्टर और नर्स बच्चों को लेकर इधर उधर भाग रहे हैं। एक महिला अपने बेटे की हालत देखकर बेहोश होकर गिर गई। पति उसे उठाने के लिए भागा तो वह भी बदहवास-सा हो गया। उसने मीडिया को बताया कि उसका बेटा सांस नहीं ले पा रहा था, इसलिए उसे वार्ड में मशीनों में रखा था, लेकिन यह नहीं पता था कि वह उसे जिंदगी नहीं, मौत मिलेगी। पूरा वार्ड जलकर राख हो गया, बच्चे कहां और किस हालत में हैं, पता नहीं। डॉक्टर-अधिकारी, पुलिस कोई कुछ नहीं बताता।
#WATCH | Jhansi Medical College tragedy | Kin of a newborn who died in the fire says, " Our newborn was admitted here for one month. Yesterday there was an operation and after that, the baby was admitted there (NCIU). Around 10 pm yesterday the fire broke out, we rushed to take… pic.twitter.com/ZvXfIYq4yn
— ANI (@ANI) November 16, 2024
हादसे की जांच के लिए कमेटी गठित
DM अविनाश कुमार ने मीडिया को बताया कि 10 बच्चों की मौत हुई है। कुछ बच्चे घायल हैं और बाकी सभी सुरक्षित हैं। पीड़ितों को एक-एक करके ब्रीफ कर दिया जाएगा। शॉर्ट सर्किट से आग लगने की सूचना है। कमिश्नर विमल दुबे ने कहा कि ज्यादातर बच्चे बचा लिए गए हैं। सिलेंडर फटने से धमाके जैसी आवाज आई। उसके बाद अस्पताल में अफरा तफरी मच गई। हादसे की गहन जांच करेंगे, दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
झांसी के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) सचिन माहोर ने बताया कि वार्ड में 54 बच्चे थे। शॉर्ट सर्किट से निकली चिंगारी से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में आग लगी थी और यही आग पूरे वार्ड में फैली। जिन बच्चों को बचाया गया है, उनकी हालत खतरे से बाहर है। डिप्टी CM बृजेश पाठक ने कहा कि हादसास्थल का मुआयना किया है। लापरवाही तो बरती जा रही थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दिए हैं। जांच समिति गठित हो गई है, जिसमें कमिश्नर और DIG मेंबर हैं। मुख्यमंत्री ने 12 घंटे के अंदर हादसे की जांच रिपोर्ट मांगी है।
थाना नवाबाद क्षेत्रान्तर्गत मेडिकल कॉलेज के NICU वार्ड में आग लगने की सूचना पर पुलिस द्वारा तत्काल मौके पर पहुँचकर फायर ब्रिगेड की मदद से आग को बुझा दिया गया है।प्रथम दृष्टया आग में 10 बच्चों की मृत्यु होने की सूचना है।अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।इस संबंध में डीएम झाँसी की बाइट pic.twitter.com/sFHZCPJaNO
— Jhansi Police (@jhansipolice) November 15, 2024