'बेटे को छूने दो..', रुला देगा शहीद की मां का ये Video, ऋषिकेश में अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब
Kathua Terror Attack Jammu Kashmir (अमित रतूड़ी): जम्मू के कठुआ में बीते दिनों हुए आतंकी हमले में देश ने अपने 5 वीर जवानों को खो दिया। जबकि 5 जवान इस हमले में घायल हो गए। आतंकियों की तलाश में सेना फिलहाल सर्च ऑपरेशन चला रही है। उधर शहीदों की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पहुंच चुकी है। इस हमले में देहरादून के भानियावाल निवासी लांस नायक शहीद विनोद सिंह भी शहीद हुए थे। जैसे ही लांस नायक विनोद सिंह का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा तो गांव वालों की आंखें नम हो गई। क्षेत्रवासियों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी। शहीद की मां का रो-रोकर बुरा हाल था। वह अपने बेटे की पार्थिव देह को एक बार छूना चाहती थीं, वहीं परिवार के अन्य सदस्य उन्हें संभालने की कोशिश कर रहे थे।
उत्तराखंड की वादियों में तड़पती-बिलखती मां की आवाज से सन्नाटा पसर गया था। अंतिम यात्रा में मौजूद हर शख्स की आंखें उस मां की हालत को देखकर नम हो गई। जिस मां ने अपने बेटे को 9 महीने तक गर्भ में पाला हो। उस बेटे का इस तरह दुनिया छोड़कर चले जाना उसको स्वीकार नहीं था। वह मां हैं, ऐसे में उसे बेटे का जाने का दुख तो था लेकिन वह जानती है कि उसके बेटे का बलिदान देश के लिए सर्वस्व समर्पण और त्याग है। उसके लिए वह ही एक जीने का सहारा था। कुछ महीने पहले ही घर में लक्ष्मी आई थी। लेकिन आज घर के चिराग के जाने के दुख में हर कोई हैरान था। शहीद विनोद सिंह कुछ दिन पहले ही घर आए थे। विनोद सिंह अपने पीछे 4 साल का बेटा भी छोड़ गए हैं। अब उस मां का आसरा वह 4 का बेटा ही है। जिसे देखकर वह बुजुर्ग मां-बाप जीवन के बाकी बचे बसंत काटेंगे।
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जानें कौन थे लांस नायक विनोद सिंह
हर साल न जाने कितने ही मांओं की कोखें ऐसे हमलों में उजड़ जाती है। इस हादसे में जाने गंवाने वाले सभी शहीदों के आश्रितों की एक ही मांग है कि सरकार को आंतकियों को ढूंढकर जहन्नुम भेजना चाहिए। बता दें कि शहीद विनोद सिंह ऋषिकेश जिले के जाखणीधार ब्लाॅक के चैंड जसपुर के रहने वाले थे। गांव के प्रधान कीर्ति सिंह कुमाई ने बताया कि शहीद विनोद सिंह 10वीं गढ़वाल राइफल में तैनात थे। वर्तमान में उनका परिवार देहरादून में रहता है। विनोद 2011 में सेना में शामिल हुए थे। वह घर के अकेले बेटे थे। उनके 4 साल का बेटा और 4 माह की बेटी है।
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