UP में NDA के साथ 'खेल'; RLD उपाध्यक्ष ने इस्तीफा दिया, जानें Jayant Chaudhary पर क्या आरोप लगाए?
RLD Vice President Shahid Siddiqui Resigned: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले फेज की वोटिंग से ठीक पहले उत्तर प्रदेश में भाजपा और NDA के साथ 'खेल' हो गया है। NDA के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोक दल (RLD) को आज बड़ा झटका लगा, क्योंकि पार्टी के उपाध्यक्ष शाहिद सिद्दीकी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
वे पार्टी अध्यक्ष जयंत चौधरी के भाजपा का साथ देने से नाराज हैं। उन्होंने जयंत चौधरी पर आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने एक ट्वीट करके अपने इस्तीफे की जानकारी दी और अपनी भड़ास भी निकाली। उन्होंने कहा कि वे चुप होकर देश के उन संस्थानों का दमन नहीं देख सकते, जिन्होंने एकजुट होकर भारत को विकसित और महान देश बनाया।
इस बार चुनाव में पार्टी का साथ नहीं दे पाऊंगा
शाहिद सिद्दीकी ने अपने X हैंडल पर ट्वीट करके बताया कि उन्होंने बीते दिन अपना इस्तीफा राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी को भेज दिया था। उन्होंने लिखा कि उन्होंने और उनके परिवार ने इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में लगाई गई इमरजेंसी का विरोध किया था, लेकिन आज वे उन संस्थानों को कमजोर होते हुए नहीं देख पा रहे हैं। जयंत चौधरी और अन्य दलों को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए शुभकामनाएं, लेकिन मैं अब पार्टी के साथ आगे नहीं चल सकता। इस बार चुनाव में जयंत चौधरी का साथ नहीं दे पाऊंगा।
अटल बिहारी के राज धर्म को बचाने की अपील
शाहिद सिद्दीकी ने राष्ट्रीय लोकदल से इस्तीफा देने के बाद आज देशवासियों के लिए एक वीडियो संदेश जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि आज सवाल किसी एक दल का नहीं, भारत के लोकतंत्र और राज धर्म को सुरक्षित करने का है। मैं भाजपा के नेताओं से भी विनती करता हूं कि वे अटल बिहारी वाजपेयी के राज धर्म को बचाने के लिए आगे आयें।
जयंत चौधरी के लिए अलग पोस्ट लिखी
शाहिद सिद्दीकी ने राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी के लिए एक पोस्ट लग से लिखी। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता और संवैधानिक मूल्यों के प्रति जयंत चौधरी की प्रतिबद्धता की सराहना भी की। उन्होंने लिखा कि जयंत और मैंने 6 साल काम किया। हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं। वे मेरे छोटे भाई की तरह हैं।
हम कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। उन्होंने अपने दादा और पिता की राह पर चलते हुए पार्टी को आज इस मुकाम पर पहुंचाया है, लेकिन RLD के भाजपा-NDA गठबंधन का हिस्सा बनने से वे असमंजस में हैं। काफी संघर्ष किया, लेकिन खुद को इस गठबंधन से जोड़कर रख पाने में असमर्थ रहा। इसलिए अपनी राजनीतिक मजबूरियां बता रहा हूं। पार्टी से अलग होने के लिए बाध्य हूं। कृप्या मेरा इस्तीफा स्वीकार करें।