कानून अंधा होता है! मौत के 13 साल बाद किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के घर उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस
Mahendra Singh Tikait: सभी ने कोर्ट में हाथ में तराजू लिए और आंख पर पट्टी बांधे न्याय की मृर्ति देखी होगी। दरअसल, कानून अंधा इसलिए होता है क्योंकि कोर्ट केवल सबूतों और उसके सामने पेश दस्तावेजों के आधार पर ही कोई निर्देश देता है। कुछ ऐसा ही हुआ जब किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के निधन के 13 साल बाद यूपी पुलिस उनके गांव सिसौली में उन्हें गिरफ्तार करने पहुंच गई।
योगी की पुलिस नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है
निधन के 13 साल बाद किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत को गिरफ्तार करने पहुंची मुजफ्फरनगर पुलिस -
ये तो वही हाल है "अंधेर नगरी चौपट राजा टके सेर भाजी टके सेर खाजा"...https://t.co/D3G0Drb2CB
— Shivam Yadav (@ShivamYadavjii) September 13, 2024
एक साथ सभी आरोपियों के नाम जारी हुआ वारंट
दरअसल, मुजफ्फरनगर पुलिस शामली जनपद के कांधला रोड पर जाम लगाने के एक मामले में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट और उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी। यहां बता दें कि इस मामले की सुनवाई लगातार चल रही है, केस में महेंद्र सिंह टिकैत समेत अन्य कई आरोपी है। किसी ने अदालत में महेंद्र सिंह टिकैत का मृत्यु प्रमाण पत्र अभी तक जमा नहीं किया है, यही वजह है कि अन्य आरोपियों के नाम के साथ टिकैत के खिलाफ भी वारंट जारी हो गया।
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परिजनों ने जताई आपत्ति
वहीं, इस पूरे मामले में किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के परिजनों ने आपत्ति जताई है। उनके पोते चरण सिंह ने कहा कि बाबा टिकैत को सब जानते हैं, उनके निधन के बारे में सबको पता है ऐसे में अदालत का यह रवैया ठीक नहीं है। बता दें महेंद्र सिंह टिकैत की 15 मई 2011 को मुत्यु हुई थी। वहीं, इस बारे में कानून के जानकारों का कहना है कि वारंट जारी होना एक प्रक्रिया है, अगर किसी व्यक्ति की मौत हो चुकी है और उस पर कोई केस है तो ये नियम है कि उसका वकील उसके मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ कोर्ट को ये बात बताए।
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