कौन है वह पुलिस अधिकारी, जिसने सबसे पहले मुख्तार अंसारी पर की कार्रवाई; बाद में नौकरी से धोना पड़ा हाथ, अब कर रहा खेती
Mukhtar Ansari Former DSP Shilendra Singh: माफिया-गैंगस्टर से विधायक बने मुख्तारी अंसारी की गुरुवार रात मौत हो गई। वह बांदा जेल में अपनी सजा काट रहा था। मुख्तार पर कुल 65 मामले दर्ज थे। उसकी मौत के बाद लोग एक ऐसे पुलिस अधिकारी की चर्चा करने लगे हैं, जिसने सबसे पहले मुख्तार पर कार्रवाई करने की हिम्मत जुटाई थी। हालांकि, उसे इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ा और नौकरी भी छोड़नी पड़ी थी। हम जिस अधिकारी की बात कर रहे हैं, वह कोई और नहीं, बल्कि पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह है।
मुख्तार अंसारी के घर से पकड़ी थी LMG
पूर्व डीएसपी शैलेंद्र सिंह ने मुख्तार अंसारी पर कार्रवाई करते हुए उसके घर से एमएमजी पकड़ी थी, जिसके बाद उन्होंने उस पर प्रिवेंशन ऑफ टेररिज्म एक्ट (POTA)के तहत केस दर्ज करने की सिफारिश सपा सरकार को भेजी थी, लेकिन सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी। लिहाजा, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उस समय वे एसटीएफ में डीएसपी के पद पर तैनात थे। एलएमजी को बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या करने के लिए मंगाया गया था। बाद में, शैलेंद्र सिंह को डीएम कार्यालय के एक कर्मचारी के साथ मारपीट के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था।
मुलायम सरकार में मुख्तार अंसारी के घर छापा मारकर सेना की मशीन गन बरामद करने पर डिप्टी SP शैलेन्द्र सिंह पर जुल्म की यह तस्वीर है
देखिये, कैसे सरकार के कहने पर तब उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने ही ईमानदार साथी की शर्ट फाड़कर गिरफ्तार करके फर्जी मुकदमे में जेल भेजा था
कुसूर यह कि… pic.twitter.com/fKNCTuwcKu
— Dr. Sudhanshu Trivedi Satire (@Sudanshutrivedi) March 28, 2024
शैलेंद्र सिंह ने मुख्तार अंसारी की मौत पर क्या कहा था?
शैलेन्द्र सिंह ने कहा कि 20 साल पहले 2004 में मुख्तार अंसारी का साम्राज्य अपने चरम पर था। वह उन इलाकों में खुली जीपों में घूमता था, जहां कर्फ्यू लगा हुआ था। उस समय मैंने एक लाइट मशीन गन बरामद की थी। उसके पहले या बाद में कोई बरामदगी नहीं हुई थी। मैंने उन पर पोटा भी लगाया, लेकिन मुलायम सरकार उन्हें किसी भी कीमत पर बचाना चाहती थी।
#WATCH | Lucknow: Gangster-turned-politician Mukhtar Ansari's death | Former DSP Shailendra Singh says, "20 years ago, in 2004, Mukhtar Ansari's empire was at its peak. He would move around in open jeeps in areas where curfew was imposed. That time I recovered a Light Machine… pic.twitter.com/tMIAycGCXj
— ANI (@ANI) March 29, 2024
मुलायम सिंह यादव की सरकार ने अधिकारियों पर डाला दबाव
शैलेंद्र सिंह ने बताया कि मुलायम सिंह यादव की सरकार ने अधिकारियों पर दबाव डाला। आईजी-रेंज, डीआईजी और एसपी-एसटीएफ का तबादला कर दिया गया। यहां तक कि मुझे 15 दिनों के भीतर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया, लेकिन मैंने अपने इस्तीफे में अपना कारण लिखा और जनता के सामने रखा कि यह आपकी चुनी हुई सरकार है, जो माफियाओं को संरक्षण दे रही है और उनके आदेश पर काम कर रही है।
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कौन हैं शैलेंद्र सिंह?
शैलेंद्र सिंह 1991 बैच के पीपीएस अधिकारी थे। उनके दादा रामरूप सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी थे। उनके पिता भी डीएसपी थे। शैलेंद्र ने देवरिया से हाईस्कूल और बस्ती से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने इलाबाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसके बाद 1991 में उन्होंने पीसीएस परीक्षा पास की और डीएसपी बन गए।
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शैलेंद्र सिंह लड़ चुके हैं लोकसभा चुनाव
शैलेंद्र सिंह ने राजनीति में भी अपना हाथ आजमाया है। उन्होंने 2004 में वाराणसी से निर्दलीय चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इसके बाद 2006 में वे कांग्रेस में शामिल हो गए और चंदौली से 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन इस बार भी उन्हें जीत नहीं मिल सकी।
इस समय क्या कर रहे शैलेंद्र सिंह?
शैलेंद्र सिंह इस समय लखनऊ में रहते हैं। अब वे अपना पूरा ध्यान जैविक खेती और पशु संरक्षण पर लगा रहे हैं। शैलेंद्र का परिवार वाराणसी में रहता है। उनके बड़े भाई भी जैविक खेती करते हैं।
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