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मर कर भी नहीं मिला सुकून, हाईटेक शहर के पोस्टमार्टम हाउस में शवों की बेकद्री

Uttra Pradesh Latest News : उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर के पोस्टमार्टम हाउस की स्थिति बहुत खराब है। हालात यह है कि पोस्टमार्टम हाउस में शवों को रखने के लिए जगह नहीं है। पोस्टमार्टम करने के बाद लाशों को जमीन पर रखा जा रहा है।
08:20 PM Jun 22, 2024 IST | Deepak Pandey
मर कर भी नहीं मिला सुकून  हाईटेक शहर के पोस्टमार्टम हाउस में शवों की बेकद्री
नोएडा के पोस्टमार्टम हाउस में शवों की बेकद्री।

(मोहम्मद युसूफ, नोएडा)

UP Noida News : उत्तर प्रदेश के हाईटेक जिले गौतमबुद्ध नगर में लोगों को न तो जीते जी सुकून है और न ही मरने के बाद सुकून मिल पा रहा है। प्रचंड गर्मी और चल रही लू के कारण बीमार लोगों से अस्पताल भरे हुए हैं। वहीं, मौत के बाद पोस्टमार्टम हाउस पर सामान्य दिनों की तुलना की तुलना में 3 गुना से अधिक शव पहुंच रहे हैं और उन शवों की बेकद्री का यह आलम है कि डीप फ्रिज की उचित व्यवस्था में न होने के कारण इन शवों को खुले में ही जमीन पर रखना पड़ रहा है।

नोएडा को हाईटेक कहा जाता है, लेकिन जिले के सेक्टर 94 स्थित पोस्टमार्टम हाउस की हालत को देखकर हर कोई सिहर उठेगा। चार से अधिक शव रखने की व्यवस्था यहां नहीं है। ऐसे में खुले में ही शवों को रखकर छोड़ दिया गया। प्रचंड गर्मी और चल रही लू के बीच लोगों की मौत का आंकडा भी बढ़ा है। मंगलवार से ही मौत का आंकड़ा अचानक बढ़ा।

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पोस्टमार्टम हाउस में 3-3 डॉक्टरों की लगी ड्यूटी

स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक, सेक्टर-94 स्थित पोस्टमार्टम हाउस में मंगलवार को 28 शव पहुंचने के बाद बुधवार को भी कुल 23 शव पहुंचे, जबकि सामान्य तौर पर सात से आठ शवों का ही पोस्टमार्टम होता है। पहले स्वास्थ्य विभाग एक डॉक्टर की ड्यूटी पोस्टमार्टम हाउस में लगता था, लेकिन इस समय तीन-तीन डॉक्टरों की ड्यूटी लगी है। उसके बावजूद कई शवों का पोस्टमार्टम नहीं हो पा रहा है। शवों की संख्या अचानक बढ़ने से पोस्टमार्टम हाउस में भी अव्यवस्थाओं का अंबार लग गया है।

नोएडा के पोस्टमार्टम हाउस की खुली पोल

आपदा की स्थिति में पोस्टमार्टम हाउस कितने तैयार है, इसकी पोल खुल गई है। पिछले दिनों पोस्टमार्टम हाउस में शव रखने की अव्यवस्था पर सवाल उठने के बाद चार में से एक डीप फ्रीजर को ठीक करा दिया गया था। इससे चार शव रखने की व्यवस्था ही हो पाई थी, जबकि आपदा प्रबंधन के नियमों के तहत यहां न्यूनतम 20 शव रखने की व्यवस्था होनी चाहिए। डिप्टी सीएमओ डॉ. जैसलाल का कहना है कि पोस्टमार्टम के लिए शव अचानक से बढ़े हैं। ऐसे में एक की जगह तीन डॉक्टर पोस्टमार्टम हाउस पर काम कर रहे हैं। सुबह 9 बजे से रात 10:30 बजे तक डॉक्टर पोस्टमार्टम कर रहे हैं।

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जानें डिप्टी सीएमओ ने क्या कहा?

डिप्टी सीएमओ का कहना है कि पोस्टमार्टम हाउस पर डीप फ्रीजर की क्षमता बढ़ाने के लिए बजट अनुमति मिल गई है। जल्दी ही 14 शव रखने की व्यवस्था हो जाएगी। इसके अलावा सीएसआर फंड से एक एनजीओ की मदद से कोल्ड रूम भी यहां बनाया जाना है। इससे आपदा के समय शवों को सुरक्षित रखा जा सकेगा।

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