किन्नरों से जुड़ी भ्रांतियां तोड़नी जरूरी...किन्नर अखाड़े के प्रमुख महामंडलेश्वर ने कही ये बात
Prayagraj Mahakumbh 2025 Kinnar Akhada (दीपक द्विवेदी, प्रयागराज): उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 14 दिसंबर 2024 को सबसे बड़े अखाड़े श्री पंच दशनाम जूना अखाड़े की पेशवाई और किन्नर अखाड़े की देवत्व यात्रा धूमधाम से निकाली गई। इस यात्रा का नेतृत्व जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने किया था। किन्नर अखाड़े के प्रमुख महामंडलेश्वर ने न्यूज 24 से खास बातचीत की है। चलिए जानते हैं किन्नर अखाड़ा ने किससे और क्या मांग की है।
किन्नर महामंडलेश्वर- हमें दुत्कारा गया है
किन्नर महामंडलेश्वर पवित्रा नंद गिरी जी ने न्यूज 24 से बातचीत में कहा, 'हम सभी अखाड़ों की तरह भगवान शिव और विष्णु जी को मानते हैं। लेकिन गुरु नानक देव जी हमारे आराध्य और इष्ट देव हैं। हमने अपनी जिंदगी में परिवार, सगे संबंधियों द्वारा यातना व प्रताड़ना झेली है, समाज ने जिस तरह से हमें दुत्कारा, वो हमारे बच्चों को झेलनी न पड़े। हालांकि अब स्थिति में काफी परिवर्तन आया है, क्योंकि हमने सामाजिक और न्यायिक दोनों तौर पर लंबा संघर्ष किया है। हम नहीं चाहते हैं कि कोई हमारे बच्चे को अपमानजनक शब्दों से संबोधित करे, बोले- वो सड़कों पर भीख मांगे और घरों के बाहर जाकर ताली बजाएं। हम चाहते हैं वो भी सरकारी महकमों में बड़े पदों पर जाएं। इसलिए सरकार से एक परसेंट सुरक्षित आरक्षण की मांग करते हैं।
इसी के आगे उन्होंने कहा, 'सनातन धर्म का झंडा हम बुलंद करेंगे। इसे कभी झुकने नहीं देंगे। जरूरत पड़ी तो फौज भी बनाएंगे, जो गांव-गली, शहर, कस्बों में हर जगह है। जरूरत पड़ने पर हम अस्त्र-शस्त्र भी उठा लेंगे। किन्नर अखाड़ा में भी अन्य अखाड़ों की तरह नियम हैं, जो सभी पर लागू होते हैं। किन्नरों की मृत्यु को अशुभ माना जाता है, जिसे लेकर कई सारी भ्रांतियां हैं, जो कि गलत हैं। हम इसे तोड़ना चाहते हैं। हमारी मांग है कि जो हमारे समाज या अन्य समाज के किन्नर हैं, उनके धर्म के हिसाब से उनका अंतिम संस्कार किया जाए। हमें तो भगवान राम ने आशीर्वाद दिया था कि कलयुग में आप जिसे आशीर्वाद देंगे, उसका कल्याण होगा। तब भी लोग हमें अनदेखा करते हैं।'
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महामंडलेश्वर गिरी- राजनीति में भी किन्नरों की भागीदारी जरूरी है
महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरी ने भी न्यूज 24 से खास बातचीत की है। बातचीत के दौरान महामंडलेश्वर गिरी ने बताया कि, 'उन्होंने अपनी जिंदगी में बहुत संघर्ष किया है। जो संघर्ष हमने किया है, वो हमारे बच्चे न करें। ये ही हमारी कामना है। हम भी चाहते हैं कि हमारे बच्चे प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मुख्यमंत्री आदि जैसे पद पर बैठें। हम सभी सनातनी बच्चे हैं, जो अपनी खोई हुई गरिमा को वापस लाना चाहते हैं। इसलिए हमने किन्नर अखाड़ा की स्थापना की। इससे किन्नर बहनों की घर वापसी हुई। जिस समाज ने हमारा तिरस्कार किया था। आज उसी समाज ने हमें सम्मान दिया।'
इसी के आगे उन्होंने कहा, 'किन्नर समाज मुख्य धारा में आकर समाज के लिए काम करने के लिए अब प्रयासरत है। हम चाहते हैं कि किन्नरों को सरकारी महकमों में सुरक्षित एक परसेंट का आरक्षण हर राज्यों में मिले। किन्नरों की भी राजनीति में भागीदारी जरूरी है। हम चाहते हैं कि हमारी आवाज सदन में उठे। हमें दया की नहीं, अवसर की जरूरत है। हमारा मानना है कि देश में जब सारे वर्ग का विकास होगा, तभी राष्ट्र का विकास होगा, जिसमें ट्रांसजेंडर भी शामिल है।'
आचार्य त्रिपाठी- ट्रांसजेंडर राइट्स को लेकर काम करना होगा
आचार्य महामंडलेश्वर डॉ. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने भी न्यूज 24 से बातचीत की है। बातचीत के दौरान आचार्य महामंडलेश्वर ने कहा, 'एक समय था, जब समाज में किन्नरों को हीन दृष्टि से देखा जाता था। लेकिन अब इसके लिए सरकार को जागरूक होना होगा। राइट ऑफ एजुकेशन पर काम करना होगा। भले ही दुनिया में हम वर्ल्ड लीडर हैं, लेकिन ट्रांसजेंडर राइट्स को लेकर और काम करना बाकी है। हमारे लीडर को और भी सेंसिटिव होने की जरूरत है।'
इसी के आगे उन्होंने कहा, 'जो हमारे खिलाफ भ्रांतियां हैं, उन्हें दूर करना होगा। तभी समाज में बदलाव आएगा। जैसे बेटी पढ़ाओ... की मुहिम चलाई गई है। वैसे ही हमारे देश के लीडर्स को किन्नरों के लिए आगे आने की जरूरत है।'
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