संभल में 42 साल से बंद एक और मंदिर खुला; पिछले चार दिन में जानें क्या कुछ मिल चुका?
Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल में लगातार अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। इस अभियान के दौरान प्रशासन को सरायतरीन इलाके में एक और बंद मंदिर मिला है। इस मंदिर को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह राधा-कृष्ण का है। इसका निर्माण सैनी समाज ने 1982 में करवाया था। मंदिर पर ताला लगा था, जिसे पुलिस ने खुलवाकर साफ-सफाई का काम शुरू करवाया है। मंदिर में राधा-कृष्ण और हनुमान जी की मूर्तियां मिली हैं। इस मंदिर की चाबी कल्लू राम सैनी के पास थी। पुलिस ने उनसे चाबी ली और मंदिर को खुलवा दिया। मंदिर लगभग निर्माण के 42 साल बाद बंद ही था।
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इस मंदिर के निर्माण के लिए बुद्ध सेन सैनी ने जमीन दी थी। उनके पास ही मंदिर की चाबी रहती थी। इस इलाके में सैनी समाज के करीब 200 घर थे, जो धीरे-धीरे यहां से पलायन कर गए। दावा ये भी किया गया है कि इस मंदिर को सिर्फ त्योहारों के दिनों में ही खोला जाता था। पूजा-अर्चना के बाद फिर बंद कर दिया जाता था। कल्लू राम के अनुसार उन्होंने किसी भय से मंदिर को बंद नहीं किया था। सिर्फ देखभाल की कमी के चलते इसे बंद किया गया था। पुलिस के अनुसार अब मंदिर की सफाई करवाई जा रही है।
अभियान के दौरान मिल चुका 46 साल पुराना मंदिर
इससे पहले संभल के मोहल्ला खग्गू सराय में भी एक मंदिर मिला था। यह मंदिर 46 साल से बंद था। प्रशासन ने इसका गेट खुलवाया तो यहां कई मूर्तियां मिली थीं। सफाई करवाने के बाद यहां पूजा करवाई गई थी। भस्म शंकर मंदिर के पास एक कुआं भी मिला था। दावा किया गया था कि कुएं का निर्माण करीब 400-500 साल पहले हुआ था।
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कुएं में तीन खंडित मूर्तियां पुलिस को मिली थीं। अधिकारियों ने सोमवार को जानकारी दी थी कि श्री कार्तिक महादेव मंदिर (भस्म शंकर मंदिर) को 13 दिसंबर को दोबारा खोल दिया गया है। अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान प्रशासन को यह ढांचा मिला था। क्या मंदिर के अंदर खंडित मूर्तियां रखी गई थीं? इसको लेकर प्रशासन ने जांच की बात कही थी। संभल के कई इलाकों में अतिक्रमण अभियान के दौरान अलग तस्वीर नजर आ रही है। कुछ लोग खुद ही अपने घरों और दुकानों के बाहर बने रैंप, सीढ़ियां तोड़ने में लगे हुए हैं। जहां कब्जे नहीं हटाए जा रहे, वहां पर प्रशासन का बुलडोजर इनको ध्वस्त करने में लगा है।