रात भर अंधेरे में क्यों डूबा रहा बरसाना का विश्व प्रसिद्ध राधा रानी मंदिर? सामने आई बड़ी वजह
Radha Rani Mandir Barsana Electricity Supply Cut Off: मथुरा से बड़ी खबर सामने आ रही है। बरसाना के विश्व प्रसिद्ध राधारानी मंदिर की विद्युत सप्लाई काट दी गई। बताया जाता है कि बकाया बिल भुगतान न होने के चलते विद्युत निगम के अधिकारियों ने विद्युत सप्लाई काट दी। इससे पूरी रात मंदिर अंधेरे में डूबा रहा।
12 लाख रुपये से अधिक का बिजली बिल बकाया
मिली जानकारी के मुताबिक, राधारानी मंदिर पर 12.66 लाख रुपये का बिजली बिल बकाया था, जिसे भरने में व्यवस्थापक नाकाम रहे। पिछले तीन साल से मंदिर का बिजली बिल का भुगतान नहीं हुआ था। यही वजह है कि मंदिर की बिजली सप्लाई काट दी गई।
होली महोत्सव राधा रानी मंदिर
जय सनातन संस्कृति🙏🚩 pic.twitter.com/feVYwyuUHP— ठा. प्रदीप कुमार सिंह (@pradeepthakur_4) March 3, 2023
भानुगढ़ पहाड़ी की चोटी पर बना है राधा रानी मंदिर
बता दें कि राधा रानी मंदिर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। यह उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के बरसाना में स्थित है। यह मंदिर राधा रानी को समर्पित है। यहां एक साथ राधा कृष्ण की पूजा की जाती है। मंदिर भानुगढ़ पहाड़ी की चोटी पर बना है। इसकी ऊंचाई लगभग 250 मीटर है। राधाष्टमी और लठमार होली पर यहां दुनिया भर से लोगों की भीड़ इकट्ठा होती है।
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— Barsana_mahima (@Rajansinghrazz1) February 23, 2024
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राधा रानी मंदिर की कब हुई स्थापना?
राधा रानी मंदिर की स्थापना आज से करीब 5000 साल पहले भगवान श्री कृष्ण के परपोते राजा वज्रनाभ ने किया था। हालांकि, यह मंदिर खंडहर हो चुका है। चैतन्य महाप्रभु के शिष्य नारायण भट्ट ने मंदिर के प्रतीकों को फिर से खोजा, जिसके बाद 1675 में राजा बीर सिंह देव ने एक मंदिर का निर्माण करवाया। जो मंदिर इस समय हम देखते हैं, उसे राजा टोडरमल की मदद से नारायण भट्ट ने करवाया था।
बरसाने की सत्य कथा अवश्य पढ़ें...
राधा रानी की कृपा
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बरसाना मे एक भक्त थे ब्रजदास। उनके एक पुत्री थी, नाम था रतिया। यही ब्रजदास का परिवार था।
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ब्रजदास दिन मे अपना काम क़रतै और शाम को श्री जी के मन्दिर मे जाते दर्शन करते और जो भी संत आये हुवे हो तै उनके साथ सत्संग करते। यह…— the Hindu Sena (@theHindu_Sena) February 21, 2024
लाल बलुआ पत्थरों से किया गया मंदिर का निर्माण
राधा रानी मंदिर राजपूत वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है। इस मंदिर का निर्माण लाल बलुआ पत्थरों से किया गया है। मंदिर में 200 से अधिक सीढ़ियां हैं। इस मंदिर से पूरे बरसाना को देखा जा सकता है।
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