सपा विधायक समेत 7 लोगों की सजा बढ़े, कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाएगी पुलिस
Uttar Pradesh Crime News: (योगेंद्र प्रताप सिंह, कानपुर) सपा विधायक इरफान सोलंकी व भाई रिजवान सोलंकी समेत सात लोगों को कानपुर कोर्ट ने सजा सुनाते हुए 7 जून को 7 साल की कैद व 30,500 रुपये का जुर्माना लगाया था। जिसके बाद सपा विधायक के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने हाई कोर्ट में आदेशों को चुनौती देने की बात कही थी। वहीं, आज कानपुर कमिश्नरेट में भी मामले में हाई कोर्ट में कानपुर कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला हुआ।
कानपुर पुलिस के एडिशनल सीपी विपिन मिश्रा के मुताबिक कोर्ट द्वारा महज 7 साल की सजा सुनाई गई है। जबकि मुकदमे में 436 भी दर्ज है। जोकि एक गंभीर धारा है। धारा 436 में कम से कम 10 वर्षों की सजा का प्रावधान है। कोर्ट द्वारा धारा 436 के अनुसार सजा नहीं सुनाई गई। लिहाजा 7 के बजाय सजा 10 वर्ष करवाने के लिए पुलिस भी अब हाई कोर्ट जाएगी।
साल 2022 के नवंबर महीने में दर्ज हुआ था केस
सपा विधायक इरफान सोलंकी और उनके भाई रिजवान सोलंकी समेत 7 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इरफान और रिजवान फरार हो गए थे। मुकदमा दर्ज होने के 24 घंटे बाद 10 थानों की फोर्स समेत सभी आलाधिकारियों ने सपा विधायक की गिरफ्तारी के लिए रात तीन बजे उनके आवास पर दबिश दी थी। लेकिन दोनों नहीं मिले। पुलिस ने विधायक के आवास पर खड़ी तीन गाड़ियों को कब्जे में लिया था।
लगभग डेढ़ महीने बाद बड़े ही नाटकीय ढंग से सपा विधायक ने कमिश्नर आवास पहुंचकर अपनी गिरफ्तारी दी थी। जिसके बाद उन्हें पहले कानपुर जेल और उसके बाद महराजगंज जिला कारागार में शिफ्ट किया गया था। बीते दो वर्षों में इरफान और उनके भाई रिजवान को कानपुर पेशी पर लाया जाता रहा। लगभग ढाई दर्जन से अधिक पेशी पर सपा विधायक पहुंचे। बीती 7 तारीख को इस मामले में फैसला सुनाया गया था।