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UP Teacher Bharti Case में HC से बड़ी राहत, तुरंत नहीं जाएगी टीचरों की नौकरी!

UP 69000 Shikshak Bharti Latest Update : यूपी 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया। अदालत ने पुरानी मेरिट लिस्ट को रद्द कर नई सूची जारी करने का आदेश दिया। साथ ही HC ने नौकरी कर रहे टीचरों को बड़ी राहत दी।
06:40 PM Aug 17, 2024 IST | Deepak Pandey
up teacher bharti case में hc से बड़ी राहत  तुरंत नहीं जाएगी टीचरों की नौकरी
यूपी शिक्षक भर्ती मामले में हाई कोर्ट का आया फैसला।

UP 69000 Shikshak Bharti Latest Update : यूपी 69000 शिक्षक भर्ती मामले में हाई कोर्ट का फैसला आया गया। जहां HC के फैसले से यूपी सरकार को बड़ा झटका लगा तो वहीं पिछले चार साल से नौकरी कर रहे टीचरों को भी राहत मिली। इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट रद्द कर दी और यूपी सरकार को नए सिरे से मेरिट बनाने के आदेश दिए। इस आदेश के बाद खबर आई कि टीचरों की नौकरी चली जाएगी, लेकिन HC ने कहा कि वो लोग तुरंत सहायक शिक्षक पद से नहीं हटाए जाएंगे।

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगर नई मेरिट लिस्ट से वर्तमान में कार्यरत किसी भी सहायक शिक्षक पर असर पड़ता तो उनकी तुरंत नौकरी नहीं जाएगी। प्रभावित शिक्षकों को मौजूदा सत्र का लाभ मिलेगा, ताकि स्टूडेंट्स की पढ़ाई में कोई बाधा न आए। यानी मेरिट लिस्ट से प्रभावित टीचरों को इस सत्र में नहीं निकाला जाएगा।

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जानें हाई कोर्ट ने क्या दिया आदेश?

हाई कोर्ट में पिछले लंबे समय से 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले का मामला लंबित था। अभ्यर्थियों ने HC में दायर याचिका में शिक्षक भर्ती के 19 हजार पदों पर आरक्षण अनियमितता का आरोप लगाया था। HC ने सुनवाई करते हुए टीचर भर्ती की पुरानी मेरिट लिस्ट को गलत माना और उसे रद्द कर दिया। हाई कोर्ट ने योगी सरकार को तीन महीने के अंदर नए सिरे से मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया।

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जानें क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि जब यूपी के शिक्षा विभाग ने शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट जारी की थी तभी कैंडिडेट्स ने इस पर सवाल उठाते हुए आरक्षण के प्रावधानों में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। 4.10 लाख स्टूडेंट्स ने इस भर्ती के लिए एग्जाम दिया था, जिसमें 1.40 लाख अभ्यर्थी पास हुए थे। इस दौरान जिन स्टूडेंट्स का सलेक्शन तय माना जा रहा, उनके नाम मेरिट लिस्ट में नहीं थे। इस पर अभ्यर्थियों ने आरक्षण में गड़बड़ी को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दायर की।

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