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69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में यूपी सरकार को बड़ा झटका, जानें HC ने क्या दिया फैसला?

High Court Verdict On UP Teacher Bharti : उत्तर प्रदेश में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती को लेकर हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने इस भर्ती की मेरिट लिस्ट कैंसिल कर दी और यूपी सरकार के शिक्षा विभाग को नई सूची जारी करने को कहा।
08:50 PM Aug 16, 2024 IST | Deepak Pandey
69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में यूपी सरकार को बड़ा झटका  जानें hc ने क्या दिया फैसला
यूपी शिक्षक भर्ती पर हाई कोर्ट का बड़ा फैसला।

Allahabad High Court Verdict On UP Teacher Bharti : 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में यूपी सरकार को बड़ा झटका लगा। इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने शुक्रवार को बड़ा फैसला सुनाया। HC ने टीचर भर्ती की पूरी मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया और तीन महीने में नई सूची बनाकर जारी करने का आदेश दिया। साथ ही अदालत ने शिक्षक भर्ती की नई मेरिट लिस्ट में बेसिक शिक्षा नियमावली और रिजर्वेशन का पालन करने का निर्देश दिया।

हाई कोर्ट में पिछले लंबे समय से 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले का मामला पेंडिंग था। इसे लेकर अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में रिट दायर की थी। इस याचिका में शिक्षक भर्ती के 19 हजार पदों पर आरक्षण अनियमितता का आरोप लगाया गया था। HC ने इस मामले की सुनवाई करते हुए टीचर भर्ती की मौजूदा मेरिट लिस्ट को गलत माना और उसे रद्द कर दिया। अदालत ने नए सिरे से मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया।

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HC ने योगी सरकार को क्या दिया आदेश?

हाई कोर्ट ने यूपी की योगी सरकार को आदेश दिया कि नई मेरिट लिस्ट में आरक्षण नियमावली 1994 की धारा 3(6) और बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 का पालन हो। साथ ही सरकार को अगले तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करनी है। अब सवाल उठता है कि क्या नई मेरिट लिस्ट जारी होने से पिछले चार सालों से नौकरी कर रहे टीचरों की नौकरी चली जाएगी।

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जानें क्या है पूरा मामला?

आपको बता दें कि जब यूपी के शिक्षा विभाग ने शिक्षक भर्ती की मेरिट लिस्ट जारी की थी तब ही कैंडिडेट्स ने इस पर सवाल उठाते हुए आरक्षण में गड़बड़ी के आरोप लगाए। 4.10 लाख छात्र-छात्राओं ने शिक्षक भर्ती के लिए एग्जाम दिया था, जिसमें 1.40 लाख अभ्यर्थी पास हुए थे। इस दौरान जिन स्टूडेंट्स का सलेक्शन तय माना जा रहा, उनके नाम मेरिट लिस्ट में नहीं थे। आरक्षण में गड़बड़ी को लेकर अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।

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