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23 साल बाद रजिस्ट्री, अब कब्जे की लड़ाई, हेमंत जैन कौन? जिन्होंने कैसे दी दाऊद इब्राहिम को चुनौती

Dawood Ibrahim Mumbai Property : यूपी के एक शख्स ने मुंबई में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को चुनौती दी। उन्होंने दाऊद की करोड़ों रुपये की प्रॉपर्टी कौड़ियों के भाव में खरीद ली। इसके लिए शख्स को 23 साल लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी।
06:51 PM Jan 01, 2025 IST | Deepak Pandey
23 साल बाद रजिस्ट्री  अब कब्जे की लड़ाई  हेमंत जैन कौन  जिन्होंने कैसे दी दाऊद इब्राहिम को चुनौती
यूपी के शख्स ने दाऊद इब्राहिम को दी चुनौती।

Dawood Ibrahim Mumbai Property : एक शख्स ने अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की करोड़ों की प्रॉपर्टी कौड़ियों के भाव में खरीद ली। इस प्रॉपर्टी के तहत मुंबई में दाऊद की 144 वर्ग फुट की दुकान थी, जिसे शख्स ने 23 साल पहले खरीदी थी। पहले उसे मालिकाना हक के लिए कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाना पड़ा और अब कब्जे के लिए। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला?

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अंडरवर्ल्ड डॉन को चुनौती देने वाले शख्स का नाम हेमंत जैन है, जो मूलरूप से यूपी के फिरोजाबाद के रहने वाले हैं। वे फिरोजाबाद के बिजनेसमैन हैं। यह 23 साल पहले की बात है, तब हेमंत जैन की उम्र सिर्फ 34 साल थी। उन्होंने एक एक न्यूज पेपर में पढ़ा था कि दाऊद इब्राहिम की अचल संपत्तियों की नीलामी होने वाली है। इसके तहत उन्होंने सितंबर 2001 में आयकर विभाग द्वारा आयोजित नीलामी में मुंबई के नागपाड़ा थाना क्षेत्र में स्थित जयराज भाई स्ट्रीट इलाके में दुकान खरीदी और उसके लिए हेमंत जैन ने 2 लाख रुपये जमा कर दिए।

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आयकर विभाग ने किया गुमराह

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हेमंत जैन का जश्न ज्यादा दिनों तक नहीं चला। उन्होंने कहा कि दुकान खरीदने के बाद आईटी डिपार्टमेंट के अफसरों ने उन्हें गुमराह किया औऱ कहा कि केंद्र के स्वामित्व वाली संपत्तियों को ट्रांसफर करने पर रोक है, लेकिन बाद में हेमंत जैन को पता चला है कि ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं है। साल 2017 में रजिस्ट्रार दफ्तर से नीलामी से संबंधित दस्तावेज भी गायब हो गए। इसे लेकर हेमंत जैन ने कई बार पीएमओ कार्यालय को चिट्ठी भी लिखी।

अदालत के आदेश के बाद दुकान की मिली रजिस्ट्री

इसके बाद हेमंत जैन ने अदालत का दरवाजा खटखटाया। आईटी डिपार्टमेंट ने जैन को वर्तमान मार्केट वैल्यू के तहत स्टांप ड्यूटी का भुगतान करने के लिए कहा, जो 23 लाख रुपये से अधिक हो गया था। इस पर हेमंत जैन ने तर्क दिया कि संपत्ति नीलामी में खरीदी गई थी, इसलिए स्टांप ड्यूटी का आकलन मार्केट वैल्यू के अनुसार नहीं किया जाना चाहिए। अदालत के आदेश के बाद जैन ने 1.5 लाख रुपये स्टांप ड्यूटी और पेनाल्टी का भुगतान किया और 19 दिसंबर 2024 को उनके नाम दुकान की रजिस्ट्री हो गई।

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अब कब्जे को लेकर सरकार-पुलिस से लगाई गुहार

रजिस्ट्री होने के बाद हेमंत जैन के सामने सबसे बड़ी चुनौती दुकान पर कब्जा है, जिस पर फिलहाल दाऊद के कथित गुर्गों का कब्जा है। अब हेमंत जैन ने राज्य सरकार और मुंबई पुलिस को दुकान पर कब्जा दिलाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि वे अपनी संपत्ति पर कब्जा लेकर रहेंगे।

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