UP के इस थाने में SP, दरोगा समेत 18 पुलिसवालों के खिलाफ केस दर्ज; जानें मामला
Ghazipur Crime News: उत्तर प्रदेश में पुलिस पर ही अवैध वसूली के आरोप लगे थे। जिसके बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट स्वप्न आनंद की कोर्ट में सुनवाई हुई थी। अदालत में बर्खास्त मुख्य आरक्षी अनिल कुमार सिंह ने याचिका दाखिल की थी। मामले में कोर्ट ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए थे। जिसके बाद 27 नवंबर को गाजीपुर के नंदगंज थाने में चंदौली के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, दरोगा समेत 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। मामला अनिल कुमार सिंह के अपने ही डिपार्टमेंट के लोगों की अवैध वसूली से जुड़ी लिस्ट को वायरल करने से जुड़ा है।
डीआईजी ने की थी जांच
अनिल कुमार वाराणसी के मड़ुवाडीह थाना इलाके में आते शिवशंकर नगर के निवासी हैं। अनिल ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने चंदौली के एसपी, इंस्पेक्टर मुगलसराय शिवानंद मिश्रा पर पद का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने खुलासा किया था कि विभाग की ओर से हर महीने गैरकानूनी तरीके से कुछ लोगों के जरिए वसूली करवाई जा रही थी। अवैध वसूली से जुड़ी एक सूची को भी उन्होंने सोशल मीडिया पर वायरल किया था। अनिल का दावा था कि ये लोग भ्रष्टाचार से जुड़े थे। बाद में विभाग ने जांच का जिम्मा DIG को सौंपा था। उन्होंने भी आरोपों को सही पाया। अनिल ने आरोप लगाया कि इसकी वजह से तत्कालीन SP ने 8 फरवरी 2021 को उन्हें डिसमिस कर दिया था।
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इसके बाद उनको झूठे केस में फंसाने की साजिश 8 जुलाई 2021 को रची गई। लेकिन चंदौली के दरोगा हमराही ने इसे नाकाम कर दिया। अनिल ने अर्जी में जिक्र किया था कि भ्रष्टाचार का भंडाफोड़ करने वाले अमित जेठवा, मंजूनाथ, सतीश शेट्टी, सत्येंद्र कुमार दुबे, शशिधर का मर्डर कर दिया गया। अनिल ने आरोप लगाया था कि हत्या में तत्कालीन SP चंदौली अमित द्वितीय, सर्विलांस प्रभारी SI अजित कुमार सिंह, स्वाट टीम प्रभारी राजीव कुमार सिंह, HC आनंद सिंह, बबुरी दरोगा SI सत्येंद्र विक्रम सिंह, कॉन्स्टेबल अमित कुमार यादव, राणा प्रताप, भुल्लन यादव और आनंद कुमार गौड़ का हाथ है।
बिना वजह हिरासत में रखा
इन आरोपियों ने 5 सितंबर 2021 को शाम साढ़े 5 बजे सफेद रंग की गाड़ी में सादी वर्दी में अनिल की ससुराल गाजीपुर जिले के बड़हरा गांव से सभी लोगों का अपहरण किया था। अपहरण की सूचना उनकी बेटी खुशबू ने 112 को भी दी थी। अनिल की जान तो बच गई। लेकिन आरोपियों ने 2 दिन बिना वजह हिरासत में रखा। उसे पशु क्रूरता अधिनियम में फंसाने की साजिश रची। कोर्ट ने 21 सितंबर को सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।