पेट्रोल-डीजल को लेकर UP सरकार का फरमान, 18 साल से कम उम्र के स्टूडेंट्स के लिए लागू होगा आदेश
UP Government Decision on Petrol Diesel: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने पेट्रोल-डीजल को लेकर बड़ा फरमान सुनाया है। सरकार का आदेश 18 साल से एक उम्र के स्टूडेंट्स पर लागू होगा। इससे प्रदेश के लाखों युवाओं को झटका लग सकता है। जी हां, योगी सरकार ने फैसला लिया है कि प्रदेशभर के पेट्रोल पंप पर 18 साल से कम उम्र के युवाओं को पेट्रोल डीजल नहीं दिया जाएगा।
माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग को सरकार ने एक आदेश जारी किया है। इस आदेश के अनुसार, प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में अभिभावकों से एक फॉर्म भरवाया जाएगा। इसमें अभिभावक यह सुनिश्चित करके देंगे कि उनके नाबालिग बच्चे व्हीकल ड्राइव नहीं करेंगे और न ही वे उन्हें व्हीकल ड्राइव करने की अनुमति देंगे। यह एक प्रकार का शपथ पत्र होगा। इसे भरकर देना सभी के लिए अनिवार्य होगा।
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नाबालिगों के ड्राइविंग करने पर रोक लगेगी
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डॉ शुचिता चतुर्वेदी ने मीडिया को बताया कि सरकार के आदेश पर फरमान जारी किया गया है। लगातार हो रहे सड़क हादसों और उनमें नाबालिगों की संलिप्तता को देखते हुए सरकार ने निर्देश दिया कि एक जुलाई से उत्तर प्रदेश के पेट्रोल पंप वाले नाबालिगों को पेट्रोल डीजल नहीं देंगे। पेट्रोल पंप आदेशों का पालन करें, इसका निगरानी की जाएगी।
आदेश से संबंधित नोटिस बाकायदा पेट्रोल पंपों पर चस्पा किया जाएगा। माध्यमिक और बेसिक शिक्षा विभाग निदेशक और पुलिस विभाग को आदेश का पालन सुनिश्चित कराने को कहा गया है। पेट्रोल पंप मालिकों को भी निर्देश दिए गए हैं। साथ ही फरमान है कि किसी भी स्तर आदेशों का पालन नहीं किया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं नाबालिगों के ड्राइविंग करने पर रोक लगेगी।
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गत 6 जून को लिया गया था फैसला
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 18 वर्ष से कम उम्र के स्टूडेंट्स ट्रैफिक नियमों का लगातार उल्लंघन कर रहे हैं। बिना ड्राइविंग लाइसेंस के व्हीकल चलाते हैं। हादसे होते हैं और पुलिस नाबालिग होने के कारण उन पर ज्यादा कार्रवाई नहीं कर पाती। सरकारी की ओर से सभी विभागों की गत 6 जून को एक बैठक बुलाई।
इसमें विचार विमर्श करके फैसला लिया गया कि नाबालिगों के लिए पेट्रोल डीजल बैन किया जाएगा। नाबालिगों को ड्राइविंग करने से रोकने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान की अहम कड़ी परिवहन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी होंगे। खाद्य एवं रसद विभाग और जिला पूर्ति अधिकारी सुनिश्चित कराएंगे कि पेट्रोल पंपों पर नाबालिगों को पेट्रोल-डीजल न मिले।
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