जाट बीजेपी की ओर फिर भी मुश्किल में संजीव बालियान, जानें मुजफ्फरनगर का सियासी मिजाज
UP Lok Sabha Election 2024 Muzaffarnagar Seat: यूपी की मुजफ्फरनगर सीट पर पहले चरण में 19 अप्रैल को मतदान होगा। यहां भाजपा के संजीव बालियान का मुकाबला सपा के हरेंद्र मलिक और बसपा के दारा सिंह प्रजापति से है। मतदाताओं को लुभाने के लिए तीनों ही पार्टियों के मतदाता दिन-रात एक किए हुए हैं। कहीं पर संजीव बालियान नाराज मतदाताओं को मना रहे हैं तो वहीं हरेंद्र मलिक जाटों के बीच जाकर जयंत की वादाखिलाफी और पाला बदलने को धोखा बताकर उन्हें साथ लाने की कवायद कर रहे हैं। इस बीच पहले चरण का चुनावी शोर भी आज शाम 5 बजे तक थम जाएगा।
सियासी जानकारों की मानें तो मुजफ्फरनगर के अधिकांश जाट इस बात को लेकर एकमत है कि इस बार उनका वोट बीजेपी को ही जाएगा। वजह साफ है जयंत चौधरी का एनडीए के पाले में जाना। हालांकि कुछ गांव में अभी भी जाट सपा को वोट कर सकते हैं। बसपा ने इस सीट से दारा सिंह प्रजापति को उम्मीदवार बनाया है। प्रजापति भाजपा के ओबीसी वोट बैंक में सेंधमारी कर सकते है। हालांकि पिछले दो चुनाव में प्रजापति वोट बैंक बीजेपी के पक्ष में रहा है। उन्हें नरेंद्र मोदी से कोई शिकायत नहीं है लेकिन वे संजीव बालियान से नाराज है। मायावती का दलित वोट एक बार फिर बीजेपी की ओर जा सकता है। उन्हें मोदी सरकार से ऐसी कोई परेशानी नहीं है कि वे मायावती की पार्टी को वोट दें। हालांकि मुस्लिम वोटर सपा के साथ जाएंगे या बसपा की ओर। इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है।
संगीत सोम की नाराजगी बरकरार
कुछ दिनों पहले अखिलेश यादव ने हरेंद्र मलिक के समर्थन में बड़ी जनसभा को संबोधित किया था। उनकी रैली में अच्छी खासी भीड़ जुटी थी। इससे लग रहा है कि हरेंद्र मलिक बालियान को चुनौती दे रहे है। सीएम योगी की मध्यस्थता के बाद भी संगीत सोम नाराज हैं। इसको लेकर संजीव बालियान ने कहा कि सीएम ने हम दोनों के साथ समय बिताया और नाराजगी दूर करने की बात कही। इसके बावजूद अगर वे नाराज है तो कुछ नहीं किया जा सकता।
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मुजफ्फरनगर में राजपूत वोट भी अच्छी तादाद में है। मोदी-योगी के नाम पर और भाजपा का परंपरागत वोट होने के कारण इसको लेकर संजीव बालियान पूरी तरह आश्वस्त है। कुल मिलाकर जाट, दलित और राजपूत बिरादरी के दम पर बालियान चुनाव जीत सकते हैं, लेकिन प्रजापति वोट बैंक और दो बार से लगातार सांसद होने के कारण उनके खिलाफ बनी एंटी इन्कंबेंसी ने उन्हें चिंता में डाल रखी है।
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