गोंडा सीट पर मनकापुर राजघराने का दबदबा, विपक्ष ने खेला कुर्मी कार्ड, दिलचस्प हुआ मुकाबला
UP Lok Sabha Election : देश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं। राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पहले चरण के लिए वोटिंग संपन्न हो गई है। अब पार्टियों का विशेष फोकस दूसरे चरण पर है। धार्मिक नगरी अयोध्या से सटे गोंडा संसदीय क्षेत्र में इस बार कांटे का मुकाबला देखने को मिल रहा है। आइए जानते हैं कि गोंडा लोकसभा सीट का क्या है चुनावी समीकरण?
गोंडा लोकसभा सीट पर सालों से मनकापुर राजघराने का वर्चस्व रहा है। पहले यहां मनकापुर राजघराने के कुंवर आनंद सिंह 4 बार सांसद रहे और फिर उनके बेटे कुंवर कीर्ति वर्धन सिंह ने कमान संभाला। वे इस सीट से चार बार सांसद रहे। इस वक्त ये सीट भारतीय जनता पार्टी के पास है। गोंडा लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें उतरौला, मेहनौन, गोंडा, मनकापुर और गौर आती हैं। सभी सीटों पर भाजपा का कब्जा है। उतरौला से राम प्रताप वर्मा, मेहनौन से विनय कुमार द्विवेदी, गोंडा से प्रतीक भूषण सिंह, मनकापुर से रमापति शास्त्री और गौर से प्रभात कुमार वर्मा विधायक हैं।
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कीर्ति वर्धन सिंह बनाम श्रेया वर्मा
लोकसभा चुनाव में इस सीट की खूब चर्चा हो रही है। बीजेपी ने एक बार फिर कीर्ति वर्धन सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि समाजवादी पार्टी ने कुर्मी बिरादरी के बड़े नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के परिवार से श्रेया वर्मा को टिकट देकर सियासी समीकरण बिगाड़ दिया है। पिछले चुनाव में सपा ने विनोद सिंह को टिकट दिया था, लेकिन कीर्ति वर्धन सिंह ने उन्हें हरा दिया था।
मनकापुर राजघराने ने 8 बार जीत हासिल की
इस बार लोकसभा चुनाव की लड़ाई काफी दिलचस्प हो गई है। दोनों पार्टियों की ओर से पूरी ताकत झोंक दी जा रही है। इस सीट पर मनकापुर राज परिवार का दबदबा रहा है। मनकापुर राजपरिवार ने यहां कुल 8 बार जीत हासिल की है। एक बार फिर मनकापुर राजघराने के सदस्य चुनावी मैदान में हैं, लेकिन महागठबंधन उम्मीदवार ने जातिगत समीकरण साधने का प्रयास किया है।
पिछले चुनाव में कीर्ति वर्धन सिंह ने सपा के विनोद कुमार को हराया था
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार कीर्ति वर्धन सिंह और सपा उम्मीदवार विनोद कुमार उर्फ पंडित सिंह के बीच मुकाबला हुआ था। कीर्ति वर्धन सिंह ने पंडित सिंह को एक लाख 66 हजार 360 वोटों से हराया था। कीर्ति वर्धन सिंह को 5 लाख 8 हजार 190 वोट मिले थे, जबकि विनोद कुमार को 3 लाख 41 हजार 830 वोट हासिल हुए थे। कांग्रेस के कृष्णा पटेल को 25 हजार 686 वोट मिले थे। उस वक्त सपा-बसपा का गठबंधन था।
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क्या है गोंडा सीट का जातीय समीकरण
गोंडा लोकसभा सीट पर ब्राह्मण और राजपूत वोटरों की बहुलता है। मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी अधिक है। इस सीट पर 21 फीसदी ब्राह्मण वोटर हैं, जबकि 16 फीसदी राजपूत मतदाता हैं। इस सीट पर मुस्लिम वोटर 23 प्रतिशत हैं। ओबीसी 16 फीसदी और दलित वोटर 11 फीसदी हैं।