संभल में 250 फीट गहरी बावड़ी! धरती फिर उगल रही पुराना इतिहास, जानें अब तक क्या कुछ मिल चुका?
Rani Ki Bawdi Discovered in Sambhal: उत्तर प्रदेश के संभल जिले की धरती आए दिन इतिहास के राज उगल रही है। आए दिन धरती के नीचे से सालों पुरानी चीजे बरामद हो रही हैं। पहले शिव मंदिर मिला, फिर राधा कृष्ण मंदिर मिला और अब 250 फीट गहरी करीब 3 मंजिला विशालकाय और ऐतिहासिक रानी की बावड़ी मिली है। जिसमें एक सुरंग और 4 कमरे अभी तक मिल चुके हैं।
JCB से खुदाई चंदौसी इलाके में लक्ष्मण गंज क्षेत्र में चल रही है, जिसके बारे में कहा जाता है कि साल 1857 से पवहले हिंदू बहुल इलाका था और सैनी समाज के लोग यहां रहते थे, लेकिन आजकल यह मुस्लिम बहुल इलाका है। इसलिए माना जा रहा है कि संभल में हिंदुओं के जो धार्मिक स्थल, महल, घर, बावड़ियां थीं, उन्हें मिट्टी भरकर बंद कर दिया गया था और मुस्लिमों ने अपनी बस्ती बसा लिया।
संभल के कस्बा चंदौसी में प्रशासन को एक पुराने कुएं पर कब्जे की सूचना मिली। प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर चलवाया तो कुएं के पास एक प्राचीन सुरंग मिली। इसके दाएं–बाएं कई कमरेनुमा इमारत मिली हैं। खुदाई चालू है। pic.twitter.com/Ud9ZNlJUjp
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) December 22, 2024
नक्शे के अनुसार खुदाई की तो बावड़ी मिली
भारतीय पुरातत्व विभाग- ASI आजकल संभल के प्राचीन मंदिरों और तीर्थों का सर्वे कर रही है, इसी दौरान एक प्लॉट की खुदाई में यह बावड़ी मिली। शनिवार केा राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार धीरेंद्र सिंह इलाके का नक्शा लेकर आए और उस जगह खुदाई शुरू की, जहां नक्शे में बावड़ी दिखाई गई है। उन्होंने बताया कि एक शिकायती पत्र मिलने के बाद उन्होंने नक्शा तलाशा और इसके अनुसार इलाके की खुदाई कराने का फैसला लिया।
लेटर में बताया गया कि यह बावड़ी सहसपुर के राजा की महारानी सुरेंद्र बाला देवी की रियासत का हिस्सा थी। पहली खुदाई सफल साबित हुई और बावड़ी मिल गई। 2 मंजिला इमारत दिखी है, जिसमें एक सुरंग नजर आ रही और कमरे भी हैं। यह बावड़ी काफी गहरी और विशाल है। नक्शे में जहां तक इस बावड़ी का एरिया नजर आ रहा है, वहां तक खुदाई की जाएगी। यह खोज उत्तर प्रदेश के इतिहास और संस्कृति के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।
#WATCH संभल, उत्तर प्रदेश: नगर पालिका चंदौसी के अधिशासी अधिकारी कृष्ण कुमार सोनकर ने कहा, "जैसे ही हमें पता चला कि यहां एक बावड़ी है, हमने यहां खुदाई का काम शुरू कर दिया... हम इसे पुनर्स्थापित करने की पूरी कोशिश करेंगे..." https://t.co/vvUlG3SJ3B pic.twitter.com/bYHXVkqVXR
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 22, 2024
14 दिसंबर से जारी इतिहास खंगालने का सिलसिला
बता दें कि 14 दिसंबर दिन शनिवार से ही संभल में इतिहास खंगालने का सिलसिला जारी है। मस्जिद के सर्वे से विवाद शुरू हुआ था। कोर्ट ने संभल में शाही जामा मस्जिद की वीडियो और फोटोग्राफी का आदेश दिया। हिंदू कहते हैं कि यह मस्जिद नहीं, श्रीहरिहर का मंदिर है। 19 नवंबर को पुलिस की मौजूदगी में सर्वे कराया गया। इससे मुस्लिम भड़क गए। 22 नवंबर को जुमे की नमाज के दिन इलाके में तनाव के चलते पुलिस बल तैनात किया गया।
24 नवंबर को फिर जामा मस्जिद में सर्वे करने टीम गई। इस दौरान जुटी भीड़ और पुलिस में टकराव हो गया। पत्थरबाजी और हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी। उपद्रवियों की तलाश में पुलिस को बिजली चोरी का मामला मिला। 14 दिसंबर को खग्गुसराय के दीपा राय इलाके में चेकिंग के समय एक मंदिर मिल गया, जो 46 साल पुराना शिव मंदिर था। इसके आंगन में एक कुंआ मिला। संभल के ही सरायतरीन इलाके में राधा कृष्ण का मंदिर मिला और अब बावड़ी मिली है।