खंडित मूर्तियां मिलीं, कुएं में छिपा 400-500 साल पुराना इतिहास, जानें संभल मंदिर के पास खुदाई में क्या-क्या मिला?
UP Sambhal Temple : उत्तर प्रदेश के संभल में पिछले दिनों जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा हुई थी। इस दौरान उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया था और उन्होंने तोड़फोड़-आगजनी की थी। इसे लेकर पुलिस काफी सख्त है। इस बीच एक दूसरे मंदिर के बारे में पता चला, जो पिछले 46 सालों से अतिक्रमण के नीचे दबा हुआ था। पुलिस की मौजूदगी में इस मंदिर को खोला गया। मंदिर के पास स्थित एक कुएं की खुदाई की गई, जिसमें 3 खंडित मूर्तियां मिलीं। आइए जानते हैं कि खुदाई में क्या-क्या मिला?
जानें खुदाई में क्या-क्या मिला?
संभल के खग्गू सराय इलाके में मंदिर खुलने के तीसरे दिन एक कुएं में खंडित मूर्तियां मिलीं। इसे लेकर डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने कहा कि उन्होंने सर्वे के लिए एएसआई को पत्र लिखा है। मंदिर के पास एक 'कूप' यानी कुआं मिला है, जिसे 400-500 साल पुराना बताया जा रहा है। इस कुएं की रविवार को करीब 10-12 फीट खुदाई की गई थी। सोमवार को 5-6 फीट और खुदाई करने पर माता पार्वती की एक खंडित मूर्ति मिली। उसके बाद दो और मूर्तियां मिलीं।
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#WATCH | Sambhal, Uttar Pradesh: Sambhal DM Dr Rajender Pensiya says, "We have written to the ASI for a scientific investigation. A 'koop' (well) has been found near the temple. It is said to be 400-500 years old. Around 10-12 feet were excavated yesterday. Today after excavating… pic.twitter.com/U7Uh9zaaxo
— ANI (@ANI) December 16, 2024
जल निकायों को फिर से करेंगे जीवित : डीएम
उन्होंने आगे कहा कि यहां बहुत सारे कुएं हैं, जो अज्ञानता या अतिक्रमण के कारण दब गए हैं। वे सभी जल निकायों को पुनर्जीवित करेंगे। उनकी हमारी टीम पिछले 2 हफ्तों से खुदाई कर रही है और एक-एक करके चीजें बरामद हो रही हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि अगर उन्हें कोई प्राचीन धरोहर मिले तो प्रशासन को सूचित करें। वे भविष्य के लिए सब कुछ संरक्षित करेंगे।
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स्वास्तिक लिखी ईंटें भी मिलीं
कुएं की खुदाई में खंडित मूर्तियां और स्वास्तिक लिखी ईंटें मिली हैं। बताया जा रहा है कि ये मूर्तियां मां पार्वती, श्रीगणेश और कार्तिकेय या लक्ष्मी जी की हैं। आपको बता दें कि सांप्रदायिक दंगों की वजह से यह मंदिर 1978 में बंद हो गया था। इस 46 सालों में मंदिर को अतिक्रमण से ढक दिया गया था। बिजली चोरी और अतिक्रमण रोकने के लिए पहुंची प्रशासन टीम की नजर इस मंदिर पर पड़ी और फिर इस मंदिर को खोला गया।